इंदौर न्यूज़ (Indore News)

रेरा ने पहली बार शुरू की प्रक्रिया, 10 फीसदी से अधिक अग्रिम राशि भी नहीं ली जा सकती

  • 70 फीसदी प्रोजेक्ट की राशि के दुरुपयोग पर कालोनाइजरों को नोटिस

इंदौर। रेरा कानून के तहत यह अनिवार्य है कि जो भी प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड (Project Registered) हैं उनके बिल्डर-कालोनाइजरों को 70 फीसदी राशि अलग से खाता खुलवाकर रखना होगी और इस राशि का उपयोग उसी प्रोजेक्ट में किया जा सकेगा। मगर कुछ कालोनाइजरों ने इस राशि का दुरुपयोग किया, जिनके खिलाफ पहली बार नोटिस जारी हुए।

रेरा अधिनियम (RERA Act) में जहां रियल इस्टेट से जुड़े हर प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन (Project registration) अनिवार्य है, वहीं रेरा मंजूरी के बाद ही बिल्डर या कालोनाइजर अपने प्रोजेक्ट में प्लॉट, फ्लैट की बुकिंग कर सकता है। इंदौर में हालांकि पिछले दिनों डायरियों पर ही करोड़ों रुपए के भूखंड बेच डाले, जिनमें से कई का रेरा रजिस्ट्रेशन अभी तक नहीं हुआ है। वहीं रेरा अधिनियम में यह भी स्पष्ट है कि संबंधित प्रोजेक्ट (related project) की कुल राशि में से 70 फीसदी राशि अलग बैंक खाता खोलकर उसमें जमा करवाना होगी और इस राशि का इस्तेमाल उसी प्रोजेक्ट में किया जाएगा।


दरअसल, बिल्डर-कालोनाइजर (builder colonizer) एक साथ कई प्रोजेक्ट शुरू कर देते हैं और खरीददारों-निवेशकों से हासिल राशि को अन्य प्रोजेक्टों में इस्तेमाल करते हुए उस प्रोजेक्ट के विकास कार्य समय सीमा में नहीं करवा पाते, जिसके बाद खरीददारों को शिकायतें करना पड़ती हैं। अब पहली बार रेरा ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की है और प्रोजेक्ट के खाते में आवंटितों से प्राप्त होने वाली धन राशि की 70 प्रतिशत राशि जमा हुई अथवा नहीं और उसका उपयोग उसी प्रोजेक्ट में किया गया या अन्य जगह खर्च कर दिया, इसकी जानकारी ली जा रही है और ऐसे कुछ कालोनाइजरों को नोटिस भी थमाए।

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