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‘आजादी के अमृत महोत्सव’ से नेहरू की तस्वीर हटाए जाने को लेकर बवाल

 

नई दिल्ली। भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ (Amrit Mahotsav’) समारोह से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (First Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru) की तस्वीर हटाये जाने को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) की ओर से ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ समारोह से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की तस्वीर हटाये जाने को लेकर शनिवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘देश के प्यारे पंडित नेहरू’ को लोगों के दिल से कैसे निकला जा सकेगा. उन्होंने फेसबुक पर नेहरू के जीवन से जुड़ी कई तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘देश के प्यारे पंडित नेहरू को लोगों के दिल से कैसे निकालोगे?’

कांग्रेस (Congress) समेत कई अन्य दलों के नेताओं ने भी समारोह से देश के प्रथम प्रधानमंत्री की तस्वीर हटाये जाने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है. कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने आईसीएचआर की वेबसाइट पर ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ से जुड़ी तस्वीरों का स्क्रीनशॉट अपने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है. इस तस्वीर में महात्मा गांधी (Mahatma Gnadhi), सरदर वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel), नेताजी सुभाषचंद्र बोस, राजेंद्र प्रसाद, भगत सिंह (Bhagat Singh), मदनमोहन मालवीय (Madan Mohan Malviya) और वीर सावरकर (Veer Savarkar) के चित्र हैं, लेकिन नेहरू की तस्वीर गायब है.

हालांकि इस मामले को लेकर आईसीएचआर की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. बता दें, ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आईसीएचआर के इस कदम को ‘भद्दा’ करार दिया.


लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि कोई भी देश स्वतंत्रता संघर्ष का उल्लेख करने वाली वेबसाइट से अपने पहले प्रधानमंत्री की तस्वीर नहीं हटायेगा, लेकिन यहां पर किया गया, जो बहुत ही ‘तुच्छ’ और ‘अन्यायपूर्ण’ है. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव गोगोई ने लिखा, “कौन सा दूसरा ऐसा देश होगा जो आजादी की लड़ाई से जुड़ी वेबसाइट से देश के पहले प्रमुख को हटा देगा. आईसीएचआर का पंडित नेहरू और अबुल कलाम आजाद की तस्वीरों को हटाना, छोटी सोच और अन्याय है. भारत ये नहीं भूलेगा कि आरएसएस ने आजादी की लड़ाई से दूर रहने का फैसला किया था.”

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आईसीएचआर ने पंडित नेहरू की तस्वीर हटाकर खुद को कलंकित किया है. शशि थरूर ने ट्वीट किया, “ये सिर्फ निंदनीय नहीं, बल्कि अनैतिहासिक यानी के इतिहास के विरुद्ध भी है कि आजादी का जश्न भारतीय आजादी की महत्वपूर्ण आवाज रहे जवाहरलाल नेहरू को हटाकर मनाया जाए. एक बार फिर, आईसीएचआर ने खुद का नाम खराब किया है. ये एक आदत बनती जा रही है!”

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया, ”नेहरू जी की फ़ोटो हटाने से क्या खुद का क़द बढ़ जाएगा? बौना, बौना ही रहेगा.”

वहीं शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अगर आप स्वतंत्र भारत के निर्माण में दूसरों की भूमिका को कम करते हैं तो आप कभी भी बड़े नहीं दिख सकते. साथ ही कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव तभी मनाया जा सकता है जब ये सभी की भूमिका को स्वीकार करे. भारत के पहले प्रधानमंत्री को हटाकर आईसीएचआर अपनी क्षुद्रता और असुरक्षा को दर्शाता है.

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