भोपाल। विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की शानदार वापसी हुई है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर-चंबल में 16 में से 7 सीट नहीं जिता पाए हैं। पिछले चुनाव में उपचुनाव वाली सभी सीट कांग्रेस के पास थी। इन सीटों पर सिंधिया के चेहरे पर जीत मिली थी, लेकिन उपचुनाव में सिंधिया का जादू नहीं चला है। ग्वालियर चंबल चुनाव मैदान में उतरे छह मंत्रियों में से तीन को तगड़ी हार भी झेलना पड़ी है। वहीं कुछ सीटों पर तो जीत का अंतर भी काफी कम रहा है। उपचुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल की तेरह सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों का पूरा फोकस रहा था। भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य दिग्गजों ने सभाएं और रोड शो की थी। वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, सचिन पायलट ने सभा और रैली की थी तो वहीं दूसरी पंक्तिं के नेताओं ने तो अंचल में कैंप भी किया था। इन तेरह सीटों में से कुछ सीटों पर मुकाबला भी काफी रोचक रहा है। भांडेर सीट पर भाजपा की रक्षा सिरोनिया और कांग्रेस के फूल सिंह बरैया के बीच मुकाबला बेहद नजदीकी रहा था। यहां भाजपा प्रत्याशी की सबसे छोटी 161 मतों से जीत हुई है। इसमें खास बात यह है कि यह तेरह सीटें सिंधिया के प्रभाव वाली मानी जाती हैं। इनमें से सात सीटों पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है। खासतौर पर अंचल की तीन सीटों पर मंत्रियों के चुनाव हारने से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। अंचल के चुनाव नतीजों से साफ है कि कहीं न कहीं सिंधिया अपने ही गढ़ में कमजोर साबित हुए हैं।
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