इंदौर। कलेक्टोरेट के जी-6 में स्थित ई-गवर्नेंस कार्यालय में 4 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद उसे तो सील कर दिया गया, पर उसी कमरे में सामाजिक न्याय विभाग का दफ्तर खुला है, जिसको लेकर स्टाफ बेहद डरा हुआ है। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे कमरे का सेनिटाइजेशन भी कर दिया गया है, लेकिन कर्मचारी इतने डरे हुए हैं कि अंदर जाने में कतरा रहे हैं।
इस कार्यालय के अलावा पूरे कलेक्टोरेट के अधिकारी-कर्मचारी डर रहे हैं। सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए कलेक्टोरेट में आने वालों की गेट पर ही स्क्रीनिंग करने के साथ ही अधिकारियों के कैबिन में जाने के पहले सेनिटाइज करने के बाद ही एंट्री दी जा रही है। इसके अलावा प्रतिदिन अधिकारियों के कार्यालय से लेकर बैठक हॉल व परिसर भी सेनिटाइज किया जा रहा है। कल ई-गवर्नेंस विभाग के एक अधिकारी सहित तीन कर्मचारी पॉजिटिव मिले, जिन्हें अस्पताल भिजवाया गया है। इसके पहले अपर कलेक्टर और तहसीलदार भी संक्रमित हो चुके हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। गौरतलब है कि कलेक्टोरेट में कोरोना की आमद 3 माह पहले हुई थी। सबसे पहले बिचौली मर्दाना क्षेत्र में काम करने वाला कलेक्टोरेट का कम्प्यूटर ऑपरेटर संक्रमित मिला था। जांच में पता चला कि ऑपरेटर छत्रीपुरा थाना क्षेत्र के समाजवादी इंदिरा नगर में रहता था, जहां कई संक्रमित मरीज मिले थे। संभवत: उन्हीं के संपर्क में आने से ही संक्रमित हो गया था। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग का एक कर्मचारी चपेट में आया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महिला एवं बाल विकास विभाग के पूरे स्टाफ की स्क्रीनिंग कराते हुए कुछ के सैंपल भी लिए थे।