इंदौर न्यूज़ (Indore News)

हुकमचंद मिल के 700 मजदूरों की तलाश जारी, 15 को आंदोलन

50 पेज का जवाब हाईकोर्ट में प्रस्तुत कर निगम ने देनदारी से झाड़ा पल्ला… 169 करोड़ मजदूरों के हैं अभी बकाया
इंदौर। हुकमचंद मिल के मजदूर सालों से अपनी जमा पूंजी हासिल करने की लड़ाई लड़ रहे हैं। कल भी लगभग 1400 मजदूर और उनके परिजन मिल प्रांगण में जमा हुए और बड़े आंदोलन का निर्णय लिया, जिसके चलते 15 फरवरी को जुलूस के रूप में संभागायुक्त कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। 5895 मजदूरों में 700 मजदूरों के नाम-पते भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इन लापता मजदूरों की भी तलाश अन्य मजदूरों द्वारा की जा रही है, ताकि उन्हें उनके हिस्से की राशि मिल सके। 169 करोड़ रुपए अभी मजदूरों के और बकाया हैं।


हुकमचंद मिल की जहां 42 एकड़ जमीन सालों से खाली पड़ी है, जिस पर अब अतिक्रमण भी बड़े पैमाने पर हो गए और हाईकोर्ट के निर्देश पर इसका भू-उपयोग भी आवासीय-सवाणिज्यिक कर दिया है, क्योंकि पहले औद्योगिक भू-उपयोग के चलते मुंबई डीआरटी द्वारा नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई, मगर कोई खरीददार नहीं मिला। वहीं कुछ समय पूर्व नगर निगम ने मिल की लीज भी समाप्त कर दी और अभी पिछले दिनों 50 पेज का जवाब हाईकोर्ट में नगर निगम ने प्रस्तुत किया, जिसमें उसने मजदूरों की बकाया राशि की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। दरअसल, मिल की जमीन का स्वामित्व नगर निगम का है, जिसे हाईकोर्ट भी स्वीकार कर चुका है, लेकिन जमीन पर कब्जा मुंबई डीआरटी ने कर रखा है और इधर मजदूर सालों से शासन से लेकर अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। कुछ समय पूर्व हाईकोर्ट के आदेश पर शासन ने 50 करोड़ रुपए की राशि नगर निगम ने जरिए मजदूरों को बांटने के लिए दी थी, जिसमें से 700 मजदूर अभी ऐसे हैं, जिनके नाम-पते नहीं मिले, जिन्हें यह राशि प्राप्त नहीं हो सकी है। अन्य मजदूरों ने पहली किश्त के रूप में यह राशि हासिल कर ली है। इंदौर हाईकोर्ट ने ही 219 करोड़ रुपए की राशि मजदूरों के लिए तय की थी, जिसमें से 50 करोड़ रुपए की पहली किश्त दिलवाई थी, लेकिन उसके बाद बचे 169 करोड़ रुपए अभी तक मजदूरों को नहीं मिल सके हैं, जबकि लगातार मजदूरों की मौत भी हो रही है। मजदूर नेता नरेन्द्र श्रीवंश, हरनामसिंह धालीवाल, किशनलाल बोकरे और ठाकुर लाल गौड़ का कहना है कि लॉकडाउन और कोरोना काल में ही 42 से अधिक मजदूरों की मौत हो गई है। लगातार आश्वासन के बाद भी शासन से कोई मदद नहीं मिल सकी। लिहाजा अब बड़े आंदोलन की घोषणा कल की गई। कल 1 हजार से अधिक लोग मिल प्रांगण में इकट्ठा हुए और सभी ने निर्णय लिया कि चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाए। इंदौर मिल मजदूर संघ इंटक और हुकमचंद मिल मजदूर अधिकारी-कर्मचारी समिति के आव्हान पर चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा, जिसमें 15 फरवरी को सुबह 10 बजे मिल प्रांगण में इकट्ठा होकर संभागायुक्त कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे और फिर 15 दिन में भुगतान का निर्णय नहीं हुआ तो इंदौर बंद, चक्काजाम से लेकर विधानसभा सत्र शुरू होने पर मजदूर भोपाल पहुंचकर विधानसभा का घेराव भी करेंगे।

 

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