- एक साथी की पुलिस को तलाश, आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को भी बनाया शिकार
इंदौर (Indore)। आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों से 50 लाख से अधिक की ठगी में पकड़ाए फर्जी आर्मी अफसर को क्राइम ब्रांच ने रिमांड पर लिया है, जबकि उसके एक साथी की तलाश है। बताते हैं कि उसने एक छात्र से बैंक में खाता खुलवाया था और उसी में ठगी के पैसे जमा करवाता था। जब छात्र को बैंक से नोटिस आया कि उसके खाते में ढाई करोड़ के ट्रांजेक्शन हुए हैं तो मामला खुला। इसके बाद क्राइम ब्रांच हरकत में आई और आरोपी को गिरफ्तार किया।
क्राइम ब्रांच ने कल फर्जी आर्मी अफसर बनकर ठगी करने के मामले में महू के शिवम चावरे को गिरफ्तार किया। एडीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने बताया कि आरोपी के खिलाफ विनय वर्मा नामक एक छात्र ने धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया था। विनय छात्र है, जो महू के ही चित्रांश शर्मा नामक व्यक्ति के संपर्क में आया था। उसने उसे एक लाख रुपए उधार भी दे दिए थे, लेकिन वह नहीं लौटा रहा था। उसने विनय से कहा कि यदि वह फेडरल बैंक में खाता खुलवा ले तो वह उस खाते में पैसा जमा करवा देगा। वह विनय को लेकर बैंक पहुंचा और खाता खुलवाया।
इस खाते की पासबुक, एटीएम कार्ड खुद ने रख लिए, लेकिन कुछ दिन पहले फेडरल बैंक से विनय को नोटिस आया कि उसके खाते में ढाई करोड़ के ट्रांजेक्शन हुए हैं। पैसे का सोर्स बताओ। इस पर वह बैंक गया और कहा कि खाता बंद कर दो। बैंक ने कहा कि साइबर सेल से लिखवाकर लाओ। इस पर वह चित्रांश के पास पहुंचा तो चित्रांश उसे साइबर सेल के ऑफिस लेकर गया और वहां शिवम चावरे को आर्मी अधिकारी बताकर उसे केस में फंसाने की धमकी दी। उसके माता-पिता को धमकाकर ढाई लाख रुपए ले लिए। इसके बाद मामला क्राइम ब्रांच तक पहुंचा। दंडोतिया ने बताया कि पुलिस ने घेराबंदी कर उसे पकड़ा, जबकि उसके साथी की तलाश की जा रही है। इन लोगों ने छात्र के अलावा आधा दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारियों के साथ भी 50 लाख से अधिक की ठगी की है। आरोपी ने एक दर्जन ठगी कबूली हैं।
एसटीएफ और साइबर सेल का अधिकारी भी बन जाता था
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने कई लोगों को ठगा है। कभी आर्मी अधिकारी तो कभी एसटीएफ अधिकारी बन जाता था। कुछ को साइबर सेल अधिकारी बनकर तो दो लोगों को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर ठगा। अब तक की पूछताछ में पता चला है कि पहले वह पुलिस अधिकारी की गाड़ी चलता था और बायपास पर चेकिंग के बहाने वसूली भी करता था। इसके चलते वह आसानी से अफसर बनकर लोगों को जाल में फंसा लेता था।