नई दिल्ली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सूचकांक अगले पांच साल में 1,00000 का स्तर को छू सकता है। यह उपलब्धि भारत को एक बार फिर एशिया का सबसे बेहतर बाजार बना सकता है। जैफरीज के ग्लोबल हेड इक्विटी स्ट्रेटजी क्रिस्टोफर वुड ने यह अनुमान जताया है।
वुड ने कहा है कि भारत का अहम इक्विटी इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स 2026 के अंत तक या फिर 2027 की शुरुआत में 100,000 तक का स्तर छू सकता है। उन्होंने अपने साप्ताहिक नोट ‘ग्रीड एंड फियर’ में कहा कि अगले पांच साल में सेंसेक्स यह उपलब्धि पा सकता है। उन्होंने नोट में लिखा कि हमारा मानना है कि अगले पांच साल में ईपीएस में 15 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल सकती है। वहीं इस अवधि का औसत एवरेज मल्टीपल 19.4 के लेवल पर रहेगा।
गौरतलब है कि वर्तमान में बीएसई का सेंसेक्स 58,644 के स्तर पर है। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को कारोबार के अंत में सेंसेक्स 140 अंक टूटकर बंद हुआ था। क्रिस्टोफर वुड ने कहा है कि हमारा अनुमान है कि आने वाले इन वर्षों में सेंसेक्स में सालाना आधार पर 11 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
वुड का मानना है कि यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी और क्रूड ऑयल के दामों में बढ़ोतरी दो बड़े जोखिम है। लेकिन भारतीय इक्विटी बाजारों पर यूएस फेड की मौद्रिक नीतियों को लेकर बहुत अधिक प्रभाव की उम्मीद नहीं है। हालांकि, वुड को लगता है कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त निश्चित तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था को झटका देगी।
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