नई दिल्ली। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कोच्ची के एक मीडिया चैनल के कार्यालय में कथित तौर पर घुसकर हंगामा किया। बताया जा रहा है कि एक लड़की के यौन उत्पीड़न से संबंधित खबर के प्रसारण का विरोध करते पहुंचे लोगों ने कर्मचारियों को धमकाया। टीवी चैनल की शिकायत के आधार पर केरल में सत्तारूढ़ माकपा की छात्र शाखा एसएफआई के करीब 30 कार्यकर्ताओं के खिलाफ शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने बताया कि शिकायत के अनुसार एसएफआई कार्यकर्ता सुरक्षाकर्मियों को एक तरफ धकेलने के बाद शुक्रवार रात करीब आठ बजे समाचार चैनल एशिया नेट न्यूज के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चैनल के कार्यालय में कथित तौर पर घुसे और उसके कर्मचारियों को डराया-धमकाया। उधर माकपा सूत्रों ने शनिवार को बताया कि उत्तरी केरल के एक स्कूल में 10 से अधिक छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में चैनल के खिलाफ फर्जी खबर बनाने की शिकायत की गई है।
एसएफआई एर्नाकुलम जिला समिति के सूत्रों ने संगठन की कार्रवाई को सही ठहराने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “छात्र संगठन ने उसकी ओर से चलाई जा रही फर्जी खबरों के विरोध में मीडिया हाउस के कोच्चि कार्यालय तक मार्च का आयोजन किया था।”
समाचार चैनल ने राज्य में मादक पदार्थों के खतरे पर पिछले साल अपने कार्यक्रम के तहत यह खबर चलाई थी। पुलिस ने कहा कि कार्यकर्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी सभा), 147 (दंगा) और 149 (हत्या के एक सामान्य उद्देश्य के अभियोजन के लिए अवैध सभा बनाना) सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसएफआई की कार्रवाई की आलोचना करते हुए प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने केरल सरकार से घटना की जांच शुरू करने का आग्रह किया। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा ”हम एर्नाकुलम में एसएफआई कार्यकर्ताओं के कथित तौर पर मीडिया दफ्तर में घुसने और कर्मचारियों को धमकाने पर चिंता व्यक्त करते हैं और अपना विरोध दर्ज कराते हैं। ऐसी बल आधारित रणनीतियों का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। केरल सरकार को इस घटना की तेजी से जांच करनी चाहिए।”
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