- सेक्टर को लेकर अभी तक तैयार नहीं हुई रणनीति-हजारों कार्यकर्ताओं की होगी आवश्यकता
उज्जैन। महाशिवरात्रि पर शहर में होने जा रहे दीपोत्सव के आयोजन को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारियों और बैठकों का दौर चल रहा है। यह तय हो गया है कि इस दिन शहर में 11 लाख दीपक जलाकर विश्व रिकार्ड बनाया जाएगा। इनमें से 5 लाख दीपक तो भूखी माता घाट से लेकर रामघाट तक जगमगाते नजर आएँगे। महाशिवरात्रि के अवसर पर अयोध्या में मनाई जाने वाली दीपों की दीवाली की तर्ज पर शहर में भी शिव दीपावली मनाने की तैयारियाँ चल रही है। पिछले दिनों हुई बैठक में आयोजन में सहभागिता को लेकर कई संस्थाओं और संगठनों ने सहयोग का आश्वासन दिया है। अलग-अलग सामाजिक संगठनों ने तो अपनी ओर से महाशिवरात्रि पर हजारों दीपक लगाने की प्लानिंग भी बता दी है। दीपोत्सव में महाकाल मंदिर क्षेत्र से लेकर शिप्रा नदी के घाटों और घरों और बाजारों में भी लाखों दीये लगाने की योजना है।
इनमें से 5 लाख दीपक शिप्रा के घाटों पर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले एक हफ्ते से अधिकारी रोज शिप्रा के घाटों का जायजा ले रहे हैं और साफ-सफाई कराने में जुट गए हैं लेकिन शिप्रा तट पर 5 लाख दीपक लगाने के लिए कितने सेक्टर बनेंगे इनके बीच की दूरी और पैमाना क्या रहेगा इसका खाका अभी तक नगर निगम के अधिकारी तैयार नहीं कर पाएँ हैं, जबकि आयोजन में अब अधिक समय शेष नहीं रह गया है। इसके विपरित घाटों पर 5 लाख दीपकों को सेक्टर वार जमाकर उन्हें रोशन करने के लिए भी हजारों कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होगी। हालांकि जिन सामाजिक संगठनों ने शिप्रा तट पर अपनी ओर से हजारों दीपक जलाने की घोषणाएँ की है उनमें से ज्यादातर संगठनों ने इसके लिए आवश्यक कार्यकर्ता भी जुटाना शुरु कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में कायस्थ समाज द्वारा चक्रतीर्थ स्थित चित्रगुप्त मंदिर में 2100 दीपक लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अन्य संगठनों ने भी अपनी ओर से यहाँ शिप्रा के अलग-अलग घाटों पर दीप रोशन करने की योजना बना ली है।
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