भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

पिच्छिका परिवर्तन के पूर्व निकली शोभा यात्रा, जैन समाज में दिखा उल्लास

  • आज होगा पिचिका परिवर्तन कार्यक्रम

सिरोंज। शनिवार को हर्षोल्लास के साथ जैन समाज जनों के द्वारा पिछिका परिवर्तन कार्यक्रम के पहले पिच्छिकाओं का चल समारोह शहर के मुख्य मार्गो से निकाला गया । वहीं शोभा यत्रा का जगह-जगह विभिन्न समाज जनों समाजसेवी संगठनों ने स्वागत भी किया। शोभा यात्रा में महिला मंडलों की महिलाएं अलग-अलग पोशाकों में थी सबसे आगे नवयुवक मंडल का दिव्य घोष गूंज रहा था उसके पीछे जैन ध्वजा लहराते हुए भक्तगण केसरिया वस्त्रों में एवं श्वेत वस्त्रों में समर उठाते हुए विद्यासागर जी महाराज की तस्वीर लेकर साथ चल रहे थे इनके बाद पाठशाला परिवार की बच्चियों अलग-अलग पोशाक एवं दिव्य देशना मंडल निर्णय सागर पाठशाला परिवार की बच्चियां आचार्य ज्ञानसागर महाराज परिवार की बच्चियां रंगीन वस्तुओं में ध्वजा एवं कलश लेकर चल रही थी महिला मैत्री समूह आदर्श वालिका मंडल की वालीकाओं हरी रंग की ड्रेस में मैत्री समूह पीले रंग के ड्रेस में दिव्य देशना मंडल की महिलाओं गुलाबी रंग की ड्रेस में तीनों माताजी में नई पिच्छिका को सभी श्रावक जन अपने मस्तिष्क पर लेकर चल रहे थे। मां आर्यिका रत्न श्री 105 श्वेत मति माताजी ससंघ सानिध्य में शोभा यात्रा निकाली गई।


शोभायात्रा चद्रप्रभु जिनालय से प्रारंभ होकर कस्टम पथ होते हुए काले बाजार से कोटगेट होते हुए राज वाजार चांदनी चौक कपड़ा बाजार शनि मंदिर बड़ा मंदिर होते हुए सराफा बाजार पठारी बाजार रोते हुए वापस चंदा प्रभु जिनालय पहुंचकर संपन्न हुई। उसके पश्चात सभी भक्तों ने सभी महिला मंडल ने मंदिर में भक्ति की गई। माता जी के प्रवचन हुए जिस प्रकार पिच्छिका का परिवर्तन हो रहा है, उसी प्रकार संसार भी परिवर्तनशील है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए जीवन में परिवर्तन लाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने पिच्छिका के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारे अच्छे और बुरे कार्य ही हमारे परिणामों का कारण बनते हैं। जीओ और जीने दो के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए जो कल्याण की भावना के साथ आगे बढ़ते हैं, उनका जीवन महत्वपूर्ण है प्रवचन के पश्चात आहार चर्या सानंद संपन्न हुई कल रविवार को जिनोदय तीर्थ स्थल नसिया जी पर पिच्छिका परिवर्तन कार्यक्रम होगा दोपहर 1:00 बजे से होगा उसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पुरस्कार वितरण समारोह उसके पश्चात पिच्छिका परिवर्तन कार्यक्रम होगा उसमें संयम के उपकरण के रूप में पिच्छिका दी जावेगी जो संयम धारण करेगा उन्हों दी जाएंगी।

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