उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

सड़क पर लग रही दुकानें… 28 माह बाद भी शिफ्ट नहीं हो सकी दौलतगंज सब्जी मंडी

  • पुराने सब्जी मंडी परिसर को तोडऩे के बाद नगर निगम को यहाँ बनाना था कमर्शियल काम्पलेक्स

उज्जैन। आज से लगभग 28 माह पहले नगर निगम ने दौलतगंज सब्जी मंडी की 59 दुकानें तोड़कर परिसर को समतल कर दिया था। यहाँ के सब्जी व्यवसायियों को आर्य समाज मार्ग स्थित 15 साल पहले बनी नई सब्जी मंडी में स्थापित करना था, वहीं तोड़ी गई सब्जी मंडी परिसर में नगर निगम द्वारा नया कमर्शियल काम्पलेक्स बनाया जाना था। अभी तक न तो व्यवसायी आर्य समाज मार्ग वाली सब्जी मंडी में शिफ्ट हो पाए हैं और न ही काम्प्लेक्स निर्माण को लेकर कोई प्रक्रिया शुरु हुई है। उल्लेखनीय है कि नगर निगम ने साल 2020 के शुरुआती महीने में दौलतगंज स्थित लगभग 85 साल पुरानी सब्जी मंडी को डिस्मेंटल करने की कार्रवाई की थी। इससे पहले नगर निगम बोर्ड ने सदन में प्रस्ताव पारित कर पुरानी सब्जी मंडी के स्थान पर नया कमर्शियल काम्प्लेक्स बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।


इसके साथ ही यह तय किया गया था कि पुरानी मंडी को तोडऩे के बाद यहाँ के सभी व्यवसायियों को आर्य समाज मार्ग स्थित बनी डेढ़ करोड़ की नई सब्जी मंडी में शिफ्ट किया जाएगा। कार्रवाई के शुरु होते ही व्यवसायियों ने इसका विरोध शुरु कर दिया था और नगर निगम के बार-बार कहने के बाद भी विस्थापित हुए सब्जी व्यवसायी आर्य समाज वाली सब्जी मंडी में शिफ्ट होने से इंकार करते रहे। इस कार्रवाई को अब करीब 28 माह गुजर गए हैं फिर भी दौलतगंज सब्जी मंडी के व्यवसायी आज भी उसी पुरानी सब्जी मंडी के स्थान पर सड़क और ठेले पर सब्जी की दुकानें लगा रहे हैं। इधर फंड की कमी के चलते नगर निगम प्रस्तावित निर्माणाधीन करीब 7 काम्पलेक्स में से दौलतगंज सब्जी मंडी पर बनने वाले कमर्शियल काम्पलेक्स का कार्य भी शुरु नहीं करवा पाया है। पूर्व में तो कई दावे किए थ थे लेकिन अब जमीन पर कुछ नहीं दिखता।

डेढ़ दशक से यही हाल
आर्य समाज मार्ग स्थित सब्जी मंडी को लगभग डेढ़ दशक पहले नगर निगम ने बनवाया था। इस पर 1 करोड़ 40 लाख रुपए की राशि खर्च की गई थी। सब्जी मंडी के भवन में तकनीकी खामियों के चलते हर साल बरसात में इसके बेसमेंट में पानी भर जाता है। इसी के चलते दौलतगंज मंडी के सब्जी व्यवसायी यहाँ शुरुआत से ही आने से इंकार करते रहे हैं। इस समस्या के अलावा दूसरी बड़ी शिकायत व्यवसायियों की यह रही है कि इस सब्जी मंडी तक पहुँचने के मार्ग भी संकरे हैं। नगर निगम का बोर्ड कई प्रयास के बावजूद इसे आबाद नहीं करा पाया और सदन में इसे डिस्मेंटल करने का प्रस्ताव भी रखा गया था। कोई ध्यान नहीं देने वाला नहीं है इसलिए यह हाल हैं।

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