पटना। बिहार (Bihar) का तापमान इस वक्त भले ही कम हो, लेकिन सियासी पारा रोज बढ़ रहा है। दिल्ली में नेताओं की भेंट-मुलाकात ने सियासी हलचल और बढ़ा दी है। ताजा मामला राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav), श्याम रजक एवं मनोज झा के बीच सियासी मुलाकात है। राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक (Shayam Rajak) और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) रविवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिले। इस मुलाकात को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि रजक शनिवार को चिराग पासवान (Chirag Paswan) से मिले थे। श्याम रजक और मनोज झा की लालू यादव के साथ करीब 2 घंटे तक बैठक चली। इससे पहले श्याम रजक कांग्रेस की नेता मीरा कुमार (Mira Kumar) और बिहार प्रभारी भक्त चरण दास से भी मिले थे।
लालू यादव ने चिराग पासवान को किया फोन
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो श्याम रजक से मुलाकात के बाद लालू यादव ने लोजपा नेता चिराग पासवान को फोन किया था। नए समीकरण को लेकर लालू यादव और चिराग पासवान के बीच करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई। बातचीत के बाद चिराग ने कहा कि राजद प्रमुख लालू यादव से बिहार के सियासी घटनाक्रम पर स्वस्थ्य चर्चा हुई है।
तेजस्वी ने चिराग की प्रशंसा की
दरअसल, राजद प्रमुख लालू प्रसाद दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। जेल से बाहर आने के बाद वह अभी तक बिहार नहीं आए हैं, लेकिन वह दिल्ली से ही राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। पिछले दिनों राजद के स्थापना दिवस और लोजपा संस्थापक राम विलास पासवान की जयंती पर तेजस्वी यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। साथ ही कहा था कि चिराग पासवान के साथ उनकी अच्छी जोड़ी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी कह चुके हैं कि इस संबंध में फैसला चिराग पासवान को लेना है। लोजपा में दो फाड़ होने के बाद से राजद की नजर चिराग पासवान पर है। क्योंकि चिराग को चाचा पशुपति कुमार पारस ने जो झटका दिया है उससे चिराग पासवान बेहद खफा हैं।
चिराग पर ‘लालटेन’ की नजर
सियासी गलियारों में अब सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या श्याम रजक दिल्ली में लालू प्रसाद के यहां तेजस्वी यादव का कोई खास संदेश लेकर पहुंचे थे? क्या बिहार में राजद कोई नया समीकरण गढ़ने की कोशिश में है? ऐसे में सियासी खिचड़ी पक रही है कि क्या लालू यादव चिराग पासवान को अपने साथ लेने की रणनीति बना रहे हैं। क्योंकि श्याम रजक की लालू यादव से लगातार मुलाकातें तो यही इशारा कर रही हैं। इसके अलावा पिछले महीने राजद प्रवक्ता ने एक डिबेट के दौरान कहा था कि लालू यादव के बाहर आने के बाद बिहार की राजनीति की दिशा और दशा दोनों बदलेगी।