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सीधीः पत्रकार को अर्धनग्न कर थाने में फोटो खींचने के मामले दो थाना प्रभारी निलंबित, एएसपी करेंगे जांच

सीधी। सीधी में गिरफ्तार युवक के पक्ष में सिटी कोतवाली थाने (City Kotwali Police Station) के सामने पत्रकार के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन (Protest led by journalist) करने पहुंचे लोगों को अर्धनग्न हालत में लाकअप में बंद किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर सीधी पुलिस सवालों के घेरे में है। पुलिसकर्मियों ने अर्धनग्न कर फोटो खीचें (take a picture half-naked) और उन्हें वायरल कर दिया। फोटो में पत्रकार कनिष्क तिवारी सहित नौ युवक अंडरवियर में नजर आ रहे हैं। सीधी पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव ने मामला सामने आने के बाद दो थाना प्रभारियों को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच के लिए एएसपी को जिम्मेदारी दी गई है।

दरअसल, गुरुवार को सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले का संज्ञान लिया और पुलिस मुख्यालय भोपाल से स्पष्टीकरण मांगते हुए दोषी पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद शाम को जिला पुलिस अधीक्षक ने सिटी कोतवाली थाना प्रभारी मनोज सोनी और अमिलिहा थाना प्रभारी अभिषेक सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।


जानकारी के अनुसार, फेसबुक पर सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल के पुत्र पर कई माह से अभद्र टिप्पणी की जा रही थी। इसकी शिकायत विधायक पुत्र गुरुदत्त शरण शुक्ला ने थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में आरोपित के पक्ष में थाने के सामने धरना प्रदर्शन करने के लिए लोग पहुंचे थे। इनमें पत्रकार कनिष्क तिवारी भी शामिल थे।

पत्रकार तिवारी ने बताया कि वे शनिवार शाम को कोतवाली के बाहर रंगकर्मी नीरज कंदेर की रिहाई और सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन की खबर कवर करने गए थे। तभी पुलिसकर्मी प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ उन्हें भी थाने ले गए। आरोप है कि सामाजिक मुद्दों को लेकर कई बार खबरों के माध्यम से उन्होंने विधायक को घेरा था। इसलिए पुलिस उन्हें पकड़कर थाने ले गई। वहां लेकर पुलिसकर्मियों ने मेरे और प्रदर्शन करने वाले आठ लोगों के कपड़े उतरवाकर फोटो खींचे और उन्हें वायरल कर दिया। फोटो में दिख रहे एक युवक का आरोप है कि अमिलिया के थाना प्रभारी ने अपने मोबाइल से फोटो खींचे थे। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ केस दर्ज किया है।

सीधी विधायक पं.केदारनाथ शुक्ला के विधायक पुत्र गुरुदत्त शरण पर अभद्र टिप्पणी करने के बाद यह पूरा मामला शुरू हुआ। गुरुदत्त शरण के खिलाफ अनुराग मिश्रा नाम की आईडी से पोस्ट किया गया था। इस आईडी से करीब एक महीने से पोस्ट और कमेंट किए जा रह थे। थाने में शिकायत के बाद पुलिस ने शुक्रवार को रंगकर्मी व इंद्रवती नाट्य समिति संचालक नीरज कुंदेर को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि नीरज ही अनुराग मिश्रा नाम की आईडी से पोस्ट व कमेंट कर रहा था। यह सभी लोग इसी मामले में नीरज की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। नीरज इस मामले में जेल में है। गुरुवार को भी अनुराग मिश्रा की आईडी पोस्ट किए गए।

इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, राष्ट्रीय युवा कांग्रेस अध्यक्ष वीवी श्रीनिवास ने इस घटनाक्रम को निंदनीय बताते हुए सरकार की जमकर आलोचना की है। वहीं विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी घटना को बेहद निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस का यह व्यवहार प्रदेश सरकार का मीडिया के प्रति रवैये को प्रदर्शित करता है।

पुलिस का कहना है कि पहले तो प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी, पर जब वे नहीं माने तो उन्हें गिरफ्तार कर जांच अधिकारी की टेबल के सामने अर्ध-नग्न हालत में खड़ा करवा दिया था। उधर इन दिनों इनकी तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में मामले की चर्चा होने पर पुलिस अधिकारी अपनी स्थिति स्पष्ट कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि थाने में तलाशी लेने के लिए कपड़े उतरवाना जरूरी था।

मामले में एएसपी अंजुलता पटले का कहना है कि पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव ने तत्काल प्रभाव से सिटी कोतवाली मनोज सोनी और अमिलिहा थाना प्रभारी अभिषेक सिंह परिहार को निलंबित कर दिया है। पूरे मामले की जांच डीएसपी हेड क्वार्टर को सौंपी गई है।

रीवा संभाग के एडीजी केपी वेंकटेश्वर राव ने बताया कि फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर विधायक व उनके पुत्र के खिलाफ अभद्र कमेंट किया जा रहा था। इसकी शिकायत पर जांच के बाद नीरज कुंदेर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद रात में कुछ लोग थाने के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे थे, उन्हें थाना ले जाया गया था। लाकअप में भेजने से पहले जांच की जाती है यह एक वैधानिक कार्रवाई है। (एजेंसी, हि.स.)

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