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सिंध हाई कोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में सरकार से पूरी जानकारी मांगी

 

कराची। पाकिस्तान की सिंध हाई कोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में बरी किए चार लोगों की हिरासत पर दायर याचिका पर सरकार से पूरी जानकारी मांगी है। डेनियल पर्ल का अपहरण और उनकी हत्या 2002 में कराची में हुई थी।

मामले के मुख्य आरोपी उमर शेख, फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल ने अपने वकील के जरिये हाई कोर्ट में दायर याचिका में अपनी हिरासत का कारण पूछा है। जबकि वे मामले में अप्रैल महीने में बरी किए जा चुके हैं। गुरुवार को जस्टिस मुहम्मद इकबाल कल्होरो की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार से जानकारी मांगने के साथ ही शेख के माता-पिता को नियमानुसार उससे मिलवाने का जेल प्रशासन को निर्देश दिया।

हाई कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया था कि उमर शेख के माता-पिता उससे मिलने के लिए लंदन से आए हैं लेकिन जेल प्रशासन उन्हें अपने बेटे से नहीं मिलवा रहा। वकील ने कहा, उनके मुवक्किल पिछले 18 सालों से जेल में बंद हैं। अप्रैल में जब उन्हें मामले से बरी कर दिया गया है, तब भी उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जा रहा। यह जेल हिरासत गैरकानूनी है। इसलिए उनके चारों मुवक्किलों को अविलंब रिहा कराया जाए।

बीती दो अप्रैल को सिंध हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की दो सदस्यीय पीठ ने सभी चारों आरोपियों को फिरौती के लिए अपहरण और उसके बाद हत्या के आरोपों से बरी कर दिया था। केवल उमर शेख को अपहरण के मामले में दोषी मानते हुए उसे सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी। वकील ने कहा, शेख इससे ज्यादा समय जेल में काट चुका है, इसलिए अब उसे वहां रखने का कोई कारण नहीं है। जबकि इससे पहले हैदराबाद की आतंकवाद निरोधी अदालत ने मामले में 2002 में उमर शेख को मौत की सजा सुनाई थी। बाद में हाई कोर्ट में अपील करने पर उसे और अन्य तीन आरोपियों को राहत मिली। सिंध हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सिंध की प्रांतीय सरकार और पर्ल के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया के ब्यूरो चीफ डेनियल पर्ल (38) का फिरौती के लिए अपहरण हुआ था, बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी।

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