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प्यारे मियां मामले में SIT गठित, सीएम चौहान ने कमान IG दीपिका सूरी को सौंपी


भोपाल । मध्य प्रदेश के बहुचर्चित प्यारे मियां केस में पीड़ित बच्ची की मौत की जांच एसआईटी (SIT) करेगी.सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद तत्काल पुलिस मुख्यालय ने (SIT) बना दी है. पुलिस मुख्यालय स्तर पर गठित एसआईटी की कमान आईजी दीपिका सूरी को सौंपी गई है. दीपिका सूरी पुलिस मुख्यालय में महिला अपराध शाखा की आईजी हैं.

पुलिस मुख्यालय स्तर पर बनी SIT
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय स्तर पर एसआईटी का गठन कर दिया गया है. दीपिका सूरी एसआईटी की चीफ हैं. पुलिस मुख्यालय पर गठित एसआईटी अब इस पूरे मामले की जांच करेगी. यह एसआईटी बालिका गृह में बच्चियों के साथ हुए व्यवहार और पूरे घटनाक्रम के साथ बच्ची की मौत से लेकर परिवार के आरोपों की जांच करेगी.

मृतक बच्ची के पिता बोले…
न्यूज़18 से बातचीत करते हुए मृतका बच्ची के पिता ने कहा कि हमने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को बेटी का शव घर ले जाने के लिए बार-बार कहा था. पुलिस का कहना था कि शव घर पर ले जाने से विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है.



पिता का दर्द
-पत्नी और रिश्तेदार घर पर बेटी को आख़िरी बार देखने के लिए इंतजार करते रहे. लेकिन पुलिस बच्ची के शव को सीधे भदभदा श्मशान ले गई. हमने घर पर अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी कर ली थी.
-मेरी पत्नी और मोहल्ले की बाकी महिलाओं को पुलिस घर से बस में लेकर श्मशान घाट लेकर आई.
-पुलिस ने श्मशान घाट पर पूरी व्यवस्था की थी और अर्थी भी उन्होंने ही बनाई थी उनको जल्दी थी.
-डॉक्टर और पुलिस प्रशासन का व्यवहार हमारे प्रति ठीक नहीं था.
-बालिका गृह में बेटी हमें कुछ बताना चाहती थी लेकिन वहां का स्टाफ बच्ची से बोलता था कि तेज आवाज में परिवार से बात करो.
-जिस दिन बच्ची ने नींद की गोलियां खाईं उस दिन उसकी पेशी थी.
-मैं इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं और दोषियों को सरकार कड़ी सजा दे.
-हमें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है.

प्यारे मियां है आरोपी
छह महीने पहले अखबार मालिक आरोपी प्यारे मियां के खिलाफ भोपाल और इंदौर के थाने में नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण के मामले में एफ आई आर दर्ज हुई थी. इस मामले में भोपाल पुलिस के स्तर पर गठित एसआईटी ने फरार आरोपी प्यारे मियां को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया था. इस मामले में पांच नाबालिग बच्ची पीड़ित हैं, जिसमें से एक बच्ची की दो दिन पहले मौत हो गयी. सभी बच्चियों को कमला नगर थाना क्षेत्र बालिका गृह में रखा गया था. लेकिन एक बच्ची ने बालिका गृह में बड़ी संख्या में नींद की गोलियां खा ली थीं. इस बच्ची को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर उसकी इलाज के दौरान दो दिन पहले मौत हो गई. मौत के बाद पुलिस और जिला प्रशासन ने बच्ची के शव को परिवार को नहीं सौंपा और सीधे विश्राम घाट भदभदा ले गई.वहां पर परिवार को ले जाकर बच्ची का अंतिम संस्कार किया.

अधीक्षिका को हटाया
इसी पूरे घटनाक्रम के बाद परिवार ने पुलिस और प्रशासन पर काफी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने बच्ची को जहर देने का आरोप बालिका गृह के स्टाफ पर लगाया है. बालिका गृह की अधीक्षका को हटाकर न्यायिक जांच की जा रही है.

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