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सोम प्रदोष व्रत आज, पूजा में इन मंत्रों का करें जाप, शिव जी की होगी कृपा

नई दिल्‍ली। हिंदू पंचांग (hindu almanac) के अनुसार हर मास कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत की पूजा भगवान शिवजी (Lord Shiva) को समर्पित होती है. मार्गशीर्ष मास (अगहन) में सोमवार 21 नवंबर 2022 के दिन प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) का पर्व मनाया जाएगा. इसके बाद अगला प्रदोष व्रत 05 दिसंबर 2022 को पड़ेगा. 21 नवंबर को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बहुत खास माना जा रहा है. क्योंकि यह सोमवार के दिन पड़ रहा है. सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है.

सोमवार और प्रदोष (Monday and Pradosh) व्रत दोनों भगवान शिवजी को समर्पित हैं. ऐसे में इस दिन किए गए पूजा-पाठ और व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होगा. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा में कुछ विशेष मंत्रों का जाप जरूर करें. इन मंत्रों का जाप करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

सोम प्रदोष व्रत पूजन विधि (Som Pradosh Vrat 2022 Pujan Vidhi)
प्रदोष व्रत करने के लिए सबसे पहले आप त्रयोदशी के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं. स्नान आदि करने के बाद आप साफ़ वस्त्र पहन लें. उसके बाद आप बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें. इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है. पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त (the sunset) से कुछ देर पहले दोबारा स्नान कर लें और सफ़ेद रंग का वस्त्र धारण करें.


आप स्वच्छ जल या गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें. अब आप गाय का गोबर ले और उसकी मदद से मंडप तैयार कर लें. पांच अलग-अलग रंगों की मदद से आप मंडप में रंगोली बना लें. पूजा की सारी तैयारी करने के बाद आप उतर-पूर्व दिशा में मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं. भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप करें और शिव को जल चढ़ाएं.

सोम प्रदोष व्रत की पूजा में करें इन मंत्रों का जाप (Som Pradosh Vrat Lord Shiva Mantra)
महा मृत्युंजय मंत्र- सोम प्रदोष व्रत में महा मृत्युंजय मंत्र को बहुत प्रभावी माना गया है. पूजा के दौरान इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

शिव गायत्री मंत्र-
शिव गायत्री मंत्र भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रभावी मंत्र है. इस मंत्र जाप आप प्रदोष व्रत या फिर नियमित रूप से शिवजी की पूजा में कर सकते हैं.

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!

क्षमायाचना मंत्र-
महादेव की पूजा के बाद भक्त को क्षमायाचना मंत्र जरूर पढ़ना चाहिए. इससे पूजा के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलतियों का दोष नहीं लगता है. साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं ।

विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो।।

प्रदोष व्रत का महत्व (Pradosh Vrat Significance)
स्कंद पुराण में प्रदोष व्रत के महत्व और लाभ के बारे में बताया गया है. जो भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ इस व्रत को रखता है उसे संतोष, धन-वैभव और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. इस दिन माता पार्वती और शिवजी की पूजा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है.

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के लिए है हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं. इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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