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सोनिया ने कांग्रेस नेताओं को पढ़ाया अनुशासन का पाठ, कहा-आ गया पार्टी का कर्ज उतारने का समय

नई दिल्ली। भविष्य की रणनीति (future strategy) का खाका तैयार करने के लिए नव संकल्प चिंतन शिविर (Nav Sankalp Contemplation Camp) से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने एक बार पार्टी नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने साफ कहा है कि पार्टी का कर्ज उतारने (party debt payoff) का समय आ गया है। ऐसे में हम सबको निस्वार्थ भाव और अनुशासन के साथ काम करना होगा, क्योंकि पार्टी को नए सिरे से मजबूत करने के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं है।

सोनिया ने उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर में पेश की जाने वाली विभिन्न विषयों पर कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह शिविर सिर्फ रस्म अदायगी भर नहीं होना चाहिए। इसमें पार्टी का पुनगर्ठन नजर आना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि चिंतन शिविर के बाद पुर्नगठित संगठन की शुरुआत करनी चाहिए।


आत्म आलोचना की जरूरत
सोनिया गांधी ने कहा कि हम सबको अनुशासन, सामूहिक उद्देश्य की भावना और दृढ संकल्प के साथ काम करना होगा। पार्टी ने हमेशा हम सबका का भला किया है। अब समय आ गया है कि पार्टी का कर्ज उतारा जाए। हमें पार्टी मंच पर आत्म आलोचना की जरूरत है। पर यह आलोचना आत्मविश्वास और हौसले तोड़ने के लिए नहीं होनी चाहिए।

संगठन में नए लोगों को ज्यादा हिस्सेदारी देने की तैयारी
भविष्य की चुनौतियों और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस रणनीति में बदलाव की तैयारी कर रही है। पार्टी संगठन में नए लोगों को ज्यादा हिस्सेदारी देने और विधानसभा-लोकसभा चुनाव में ओबीसी, एससी/एसटी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को ज्यादा टिकट देने पर विचार कर रही है। उदयपुर में होने वाले नवसंकल्प चिंतन शिविर में पार्टी इन सभी विषयों पर चर्चा कर अंतिम रूप देगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में संगठन को मजबूत बनाने पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, संगठन के बारे में कार्ययोजना का खाका तैयार करने वाली समिति ने पदाधिकारियों के लिए कूलिंग पीरियड का सुझाव रखा है। मसलन, कोई व्यक्ति पांच साल संगठन में पद पर रहता है तो फिर तीन साल तक बिना किसी पद के कार्यकर्ता के तौर पर काम करना चाहिए। इससे ज्यादा से ज्यादा नए लोगों को काम करने का मौका मिलेगा।

ओबीसी को 50% हिस्सेदारी का सुझाव
पार्टी के एक नेता ने कहा कि सामाजिक शक्तिकरण की कार्ययोजना तैयार करने वाली समिति ने विधानसभा और लोकसभा के टिकट बंटवारे में ओबीसी को पचास फीसदी हिस्सेदारी देने का सुझाव दिया है। इसके साथ युवा और रोजगार की कार्ययोजना में युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ने, देश की अर्थव्यवस्था पर भी बैठक में चर्चा हुई।

डिजिटल सदस्यता का प्रावधान:सुरजेवाला
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि डिजिटल सदस्यता को लेकर पार्टी के संविधान में संशोधन किया गया है। क्योंकि, संविधान में डिजिटल सदस्यता का प्रावधान नहीं था। इसके साथ लद्दाख में अलग प्रदेश संगठन बनाने का भी फैसला किया गया है। अभी यह जम्मू-कश्मीर कांग्रेस का हिस्सा था। चिंतन शिविर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कुल 422 नेता हिस्सा लेंगे। शिविर में हिस्सा लेने वाले पचास फीसदी सदस्यों की उम्र 40 साल से कम है।

संगठन पर ज्यादा जोर: रमेश
पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा कि चिंतन शिविर कांग्रेस के लिए लंबे सफर की शुरुआत है। इसका पहला मकसद 2022 व 2023 में होने वाले विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव हैं। अभी तक हुए तीन चिंतन शिविर के बाद पार्टी संगठन बदलाव के दौर से गुजरी है। इस बार भी बदलाव होंगे। चिंतन शिविर में सबसे ज्यादा जोर संगठन पर रहेगा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हमें जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत करने पर ज्यादा फोकस करना चाहिए।

चुनाव के लिए अलग विभाग का सुझाव
सीडब्ल्यूसी में यह सुझाव भी आया कि चुनाव के लिए पार्टी के अंदर अलग से विभाग होना चाहिए। वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक दिल्ली की बजाय अलग-अलग शहरों में होना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़ सकें। बैठक में नेताओं की एक राय यह भी थी कि हमें लोगों के विषयों को ज्यादा जोरदार तरीके से उठाना चाहिए। अभी उनके मुद्दे उतने जोरदार ढंग से नहीं उठाए जा रहे हैं।

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