उत्तर प्रदेश बड़ी खबर

जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और आलोक रंजन को राज्यसभा भेज सकती है सपा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर राज्यसभा के चुनाव होने हैं. इसकी तैयारियों को लेकर बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी जोरों-शोरों से जुटी हैं. बीजेपी ने सात सीटों पर अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं. अब समाजवादी पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों के नाम को लेकर चर्चा जोरों पर है. सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी यूपी से जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और आलोक रंजन को राज्यसभा भेज सकती है. इनमें सबसे चौंकाने वाला नाम आलोक रंजन का हो सकता है. आलोक रंजन अखिलेश सरकार में यूपी के मुख्य सचिव रह चुके हैं.

बता दें कि यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर एक दिन पहले ही बीजेपी ने अपनी लिस्ट जारी की थी, जिसमें उसने सात उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था. बीजेपी के उम्मीदवारों में सिर्फ सुधांशु त्रिवेदी को यूपी से रिपीट किया गया है, बाकि अन्य सभी छह उम्मीदवार नए हैं. इनमें कांग्रेस से बीजेपी में दिग्गज नेता RPN सिंह चौंकाने वाला नाम है. वहीं चौधरी तेजवीर सिंह, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत और नवीन जैन को भी बीजेपी राज्यसभा चुनाव के मैदान में उतारी है.


बीजेपी उम्मीदवारों के नामों के ऐलान के बाद अब सभी की नजरें समाजवादी पार्टी पर टिकी हैं. यूपी से सपा के खाते में राज्यसभा की तीन सीटें आ सकती हैं. इन तीन सीटों पर सपा किन-किन लोगों को राज्यसभा का टिकट देगी, ये तो लिस्ट आने के बाद ही क्लीयर हो पाएगा, लेकिन सूत्रों के मुताबिक सपा वर्तमान राज्यसभा सांसद जया बच्चन को फिर से राज्यसभा भेजगी. जया के अलावा रामजी लाल सुमन और आलोक रंजन को भी राज्यसभा भेज सकती है.

इनमें चौंकाने वाला नाम आलोक रंजन का है, क्योंकि वह राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं हैं. आलोक रंजन यूपी कैडर के IAS अधिकारी रह चुके हैं. एक जुलाई 2016 में वह रिटायर हुए थे. तब राज्य में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. 2014 में उन्होंने मुख्य सचिव का पद संभाला था. दो साल से अधिक समय तक वह इस पद पर आसीन रहे. आलोक रंजन अखिलेश यादव के मुख्य सलाहकार भी रह चुके हैं. अखिलेश सरकार में ही उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया था, लेकिन जब 2017 में सपा ने चुनाव हारा तो आलोक रंजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

2017 के बाद से आलोक रंजन गुमनाम थे. अब जब उन्हें राज्यसभा भेजने की बात हो रही है तो उनका नाम एक बार फिर से चर्चा में है. उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का बेहद करीबी माना जाता रहा है. राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि अगर आलोक रंजन का नाम राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में सामने आता है तो इसमें मुलायम सिंह यादव से रही उनकी करीबी अहम होगी. आलोक रंजन उन्नाव जिले के रहने वाले हैं. वह 1978 बैच के IAS अधिकारी हैं. उन्होंने UPSC परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की थी.

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