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मसालों पर भी महंगाई की मार, 35% तक महंगा हो सकता है जीरा

नई दिल्‍ली । एलपीजी, तेल और आटे दाल के बाद अब मसालों पर भी महंगाई की मार (Inflation Attack) पड़ने लगी है। भारतीय रसोई में सबसे ज्यादा उपयोग आने वाला मसाला जीरा (Cumin) महंगा हो चला है। बुआई का कम रकबा होने और अधिक वर्षा के कारण फसल को नुकसान होने से जीरा की कीमतें फसल सत्र 2021-2022 में 30-35 प्रतिशत तक बढ़कर पांच साल के उच्चतम स्तर तक पहुंच सकती हैं।


क्रिसिल रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि उपज कम होने से जीरा के भाव 165-170 रुपये प्रति किलोग्राम तक जा सकते हैं। फसल सत्र 2021-22 (नवंबर-मई) में कई कारणों से जीरा का उत्पादन कम रहने की आशंका है जिससे जीरा की कीमतें पांच साल के उच्च स्तर तक जा सकती हैं।

क्रिसिल का अनुमान है कि रबी सत्र 2021-2022 में जीरे की कीमतें 30-35 प्रतिशत बढ़कर 165-170 रुपये प्रति किलोग्राम को छू सकती हैं। इसके मुताबिक, रबी सत्र 2021-2022 के दौरान जीरा का रकबा भी साल-दर-साल अनुमानित रूप से 21 प्रतिशत घटकर 9.83 लाख हेक्टेयर रह गया।

दो प्रमुख जीरा उत्पादक राज्यों में से गुजरात में इसकी खेती के रकबे में 22 प्रतिशत और राजस्थान में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार, रकबे में गिरावट किसानों द्वारा सरसों और चने की फसलों का रुख करने के कारण हुई है। सरसों और चना की कीमतों में उछाल आने से किसान उनकी खेती के लिए आकर्षित हुए हैं।

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