उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

गुजरात के जामनगर से आ रहा है उज्जैन में पालीथिन का जखीरा

  • कल तीन स्थानों पर नगर निगम में दबिश देकर 18 टन से ज्यादा पालीथिन पकड़ी
  • नगर निगम उपायुक्त दो रातों से कर रहे हैं सर्चिंग-शहर में कार्रवाई के डर से गांव में बना लिया है पालीथिन का गोडाउन

उज्जैन। शहर में पालीथिन की सबसे बड़ी सप्लाई गुजरात के जामनगर से हो रही है। यह बात ट्रांसपोर्टरों की नगर निगम के उपायुक्त ने सर्चिंग की तो पता चली। इसी सर्चिंग के आधार पर कल दिन भर में 18 टन से ज्यादा पालीथिन नगर निगम ने जब्त की है, वहीं एक मकान और एक दुकान को भी सील किया है। वहाँ से भी आज पालीथिन जप्त की जाएगी। कहने को तो केंद्र और राज्य सरकार ने 1 जुलाई से पालीथिन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन पालीथिन बनाने वाले कारखानों पर शायद प्रतिबंध लगाना सरकार भूल गई है। इसी के चलते बाजार में पालीथिन का प्रचलन 8 महीने बाद भी नहीं रुक पाया है। धड़ल्ले से कारखानों में पालीथिन बन भी रही है और खूब बिक भी रही है और इससे शहर में कचरा तो बढ़ ही रहा है, वहीं नाले भी चौक हो रहे हैं। इसी समस्या को देखते हुए नगर निगम ने पिछले 2 दिनों से निगम आयुक्त के निर्देश पर उपायुक्त संजेश गुप्ता और उनकी टीम ने शुक्रवार की रात 3 बजे तक ट्रांसपोर्टरों पर नजर रखी और पालीथिन की सप्लाई को देखा और स्थानों को चिन्हित किया कि पालीथिन कहाँ पहुँचाई जा रही है।


इसी आधार पर कल दिन में दौलतगंज क्षेत्र में छापा मारा और सूरज नगर में एक मकान तथा दौलतगंज की एक दुकान को सील किया गया। एक ही दुकान से इतनी पालीथिन निकली कि नगर निगम की गाडिय़ाँ कम पड़ गई। एक दुकान से करीब 18 टन पालीथिन जप्त की गई, वहीं सूरज नगर तथा एक अन्य दुकान को सील किया गया था वहाँ से भी आज नगर निगम की टीम जाकर पालीथिन जप्त करेगी। उपायुक्त गुप्ता ने बताया सरकार ने शहरों में पालीथिन उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया लेकिन कारखानों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा और ना ही प्रदूषण और अन्य विभाग इन कारखानों को बंद कर रहे हैं। ऐसे में पालीथिन की सप्लाई बदस्तूर जारी है। शहर में कार्रवाई होती रहती है, इसको देखते हुए कुछ पालीथिन थोक सप्लायर होने ग्रामीण क्षेत्र में अपने गोडाउन बना लिए हैं। अब एसडीएम से चर्चा कर इन गोडाउन पर भी एक-दो दिन में कार्रवाई की जाएगी। कुल मिलाकर पालीथिन का उपयोग रुक नहीं रहा है, जबकि पालीथिन आसानी से नष्ट नहीं होती है और स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक भी है। उसके बावजूद पालीथिन का कारखानों में बनना भी बंद नहीं हो रहा है और बाजार में इसकी सप्लाई भी नहीं रुक रही है।

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