भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सुनी सुनाई: मंगलवार 15 दिसंबर 2020

क्यों छुप रहे मंत्री के ओएसडी!
मप्र में तमाम ठेकेदार और व्यवसायी एक मंत्री के ओएसडी की दिनभर तलाश में लगे रहते हैं। इन ठेकेदार और व्यवसायियों से बचने ओएसडी ने मंत्री के बंगले पर बैठना लगभग खत्म कर दिया है। ओएसडी अधिकांश समय मंत्रालय में छुपे रहते हैं। दरअसल ओएसडी ने ठेकेदार और व्यवसायियों को काम दिलाने के एवेज में मोटी रकम एडवांस में ले ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सख्ती के कारण ओएसडी अब इन ठेकेदारों और व्यवसायियों न तो काम दिला पा रहे हैं और न ही उनसे लिया एडवांस लौटा रहे हैं। पांच से छह ठेकेदार और व्यवसायी दिन भर अपनी रकम वापिस मांगने के लिए ओएसडी को तलाशते रहते हैं। यह खबर अब धीरे-धीरे मुख्यमंत्री तक भी पहुंच गई है। विभाग के अधिकारी भी ओएसडी की वसूली की हरकतों से त्रस्त हो चुके हैं। खास बात यह है कि ओएसडी स्वयं को मंत्री का सहपाठी होने का दावा करते हैं।

सबसे ताकतवर क्लर्क
प्रदेश के एक मंत्री के पास दो मलाईदार विभाग हैं। दोनों विभागों को संभालने मंत्री के स्टाफ में दो ओएसडी भी हैं। लेकिन मंत्री और दोनों ओएसडी पर एक क्लर्क भारी है। क्लर्क ने मंत्री पर ऐसा जादू किया है कि उसके आगे दोनों ओएसडी भी बौने हैं। मंत्री की छवि सहज और सरल राजनेता की है। मंत्री जी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नजदीकी माना जाता है। एक क्लर्क के कारण उनकी छवि पर बुरा असर पड़ रहा है, लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि इस अदने से क्लर्क ने मंत्रीजी पर कौन सा जादू टोना किया है। मजेदार बात यह है कि मंत्रीजी के एक विभाग की प्रमुख सचिव ने इस क्लर्क की अपने चेम्बर में एंट्री बंद कर दी है।

कौन बनेगा स्पीकर
मप्र को इस महीने नया विधानसभा अध्यक्ष मिल जाएगा। लाख टके का सवाल यह है कि भाजपा किसे नया स्पीकर बनाएगी? विन्ध्य और महाकौशल के भाजपा नेता इस पद पर दावेदारी कर रहे हैं। दूसरी ओर मौजूदा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा का दावा भी मजबूत बताया जा रहा है। यदि महाकौशल से स्पीकर बनना तय हुआ तो अजय विश्नोई प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। विन्ध्य से पार्टी के वरिष्ठ विधायक केदारनाथ शुक्ला का दावा मजबूत है। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि स्पीकर के लिए कोई चौंकाने वाला नाम सामने आएगा। वैसे रामेश्वर शर्मा ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में काम करके प्रभावी छवि बना ली है। डिप्टी स्पीकर के लिए अनुसूचित जाति या जनजाति विधायक के नाम पर भाजपा विचार कर रही है।

वरिष्ठ आईएएस की गजब उपलब्धि
प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनोज श्रीवास्तव ने ग्रामीण विकास विभाग में गजब उपलब्धि हासिल की है। पिछले साल की तुलना में इस साल मनरेगा में ढाई गुना अधिक लेबर को काम देने से मनरेगा की सूची में मप्र सबसे ऊपर आ गया है। लेकिन इस उपलब्धि का प्रचार सरकारी मीडिया के बजाए मनोज श्रीवास्तव ने अपने फेसबुक पेज पर किया है। श्रीवास्तव ने फेसबुक पर सभी राज्यों का चार्ट पोस्ट करते हुए दावा किया है कि कोरोना काल में बेरोजगार हुए मजदूरों के लिए मप्र ने देश में सबसे शानदार काम किया है। यानि मनोज श्रीवास्तव ने इस विभाग में अपने दो पूर्ववर्ती आईएएस आरएस जुलानिया और गौरीसिंह को पीछे छोड़कर कीर्तिमान तो रच दिया है।

जवाहर सिंह की विदाई क्यों?
भोपाल में लंबे समय से राजधानी परियोजना प्रशासन में जमे अधीक्षण यंत्री जवाहरसिंह को मंत्रियों और नेताओं का यसमैन माना जाता रहा है। जवाहर सिंह कभी भी किसी नेता, सांसद, विधायक अथवा अपने मंत्री को किसी काम के लिए मना नहीं करते। यही कारण है कि उन्होंने राजधानी परियोजना प्रशासन में प्रतिनियुक्ति पर 15 साल निकाल लिए। इस बार मंत्री भूपेन्द्र सिंह की नाराजगी के चलते जवाहर सिंह को आखिर राजधानी परियोजना प्रशासन से विदाई लेनी पड़ी। भोपाल के पूर्व कलेक्टर मोती सिंह के छोटे भाई और इंदौर में मुख्यमंत्री के सबसे चेहते कलेक्टर मनीष सिंह के सगे चाचा जवाहर सिंह का टारगेट अब मंत्री की नाराजगी दूर करके फिर से सीपीए में आमद देना है।

सिंधिया कैंप में घुटन
बेशक ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक खुलकर कोई बयान न दे रहे हों लेकिन यह सच है कि मप्र भाजपा में सिंधिया खेमे में घुटन महसूस की जा रही है। उपचुनाव के परिणाम आए एक महीना पूरा हो गया है। उम्मीद की जा रही थी कि परिणाम आते ही तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत को शपथ दिला दी जाएगी। इसके अलावा सिंधिया समर्थक नेताओं को सत्ता और संगठन में एडजस्ट किया जाएगा। लेकिन लगातार प्रयास के बाद भी ऐसा संभव नहीं हुआ। स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया इस मुद्दे पर चर्चा करने तीन बार भोपाल आ चुके हैं। सिंधिया के लगातार प्रयास के बाद भी सफलता न मिलने से सिंधिया कैंप में अटकलें शुरू हो गई हैं कि नगरीय चुनाव में क्या सिंधिया अपने समर्थकों को पर्याप्त टिकट दिला पाएंगे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो सिंधिया कैंप में भगदड़ से इंकार नहीं किया जा सकता।

यशोधरा का हथकरघा प्रेम
मप्र की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का अचानक हथकरघा प्रेम जाग गया है। दरअसल पिछले सप्ताह वे कटनी प्रवास पर थे। वहां जैन समाज ने उन्हें सागर जेल के हथकरघा में बनी साड़ी भेंट की। इस साड़ी को देखकर यशोधरा राजे सिंधिया कटनी से सीधी सागर जेल पहुंचीं। उन्होंने आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की प्रेरणा से जेल में चल रहे हथकरघा को देखा तो इतनी प्रभावित हुईं कि वे उसी दिन से इसी तरह हथकरघा शिवपुरी जेल में चालू कराने के प्रयास में लग गई हैं। जेल डीजी संजय चौधरी ने स्वयं आचार्यश्री से संपर्क कर शिवपुरी में सागर की तरह कैदियों के लिए हथकरघा शुरू करने का आशीर्वाद मांगा है। अब जैन समाज शीघ्र शिवपुरी में हथकरघा शुरू करने जा रहा है।

और अंत में….
मप्र में नेता प्रतिपक्ष का चयन कमलनाथ के लिए सबसे बड़ी गले की घंटी बन गया है। कमलनाथ चाहते हैं कि आदिवासी विधायक बाला बच्चन को नेता प्रतिपक्ष बना दिया जाए। लेकिन कांग्रेस विधायक दल में बहुमत बच्चन के साथ नहीं है। कमलनाथ खेमे के भी कुछ वरिष्ठ विधायकों ने बच्चन के नाम पर आपत्ति दर्ज करा दी है। इसी महीने विधानसभा सत्र शुरू होना है। ऐसे में संभावना है कि कमलनाथ ही नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे।

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