प्रशासन को मिली एक और बड़ी कामयाबी… गार्डन हटना भी शुरू… दर्ज होगी दोषियों के खिलाफ एफआईआर भी
इंदौर। यह पहला मौका है जहां एक तरफ भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई, वहीं उसके साथ भूखंड पीडि़तों (Plot Victims) को न्याय भी मिल रहा है। गृह निर्माण संस्थाओं की जो जमीनें सालों पहले भूमाफिया अवैध रूप से बेच चुके थे, वह एक-एक कर सरेंडर (Surrender) हो रही है। इसमें एक और बड़ी सफलता प्रशासन को रंगून गार्डन के मामले में भी मिली है, जिसकी लगभग 100 करोड़ रुपए मूल्य की बेशकीमती जमीन भी सरेंडर कर दी गई है और मौके पर बने रंगून गार्डन (Rangoon Garden) को हटाना भी शुरू कर दिया है। इसमें 49 भूखंडों की 70 हजार स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन प्रशासन ने पुन: हासिल की है, जो अब पीडि़तों को भूखंड देने के काम आएगी। मूल रूप से देवी अहिल्या गृह निर्माण ( Devi Ahilya House Construction) की इस जमीन को अन्य गृह निर्माण संस्था सन्नी कोऑपरेटिव बेच दिया था, जिसके कर्ताधर्ताओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जा रही है।
एमआर-10 पर पिछले कई वर्षों से संस्था की जमीन पर रंगून गार्डन चल रहा है, जिसकी पिछले दिनों भी जांच हुई थी, लेकिन पुलिस-प्रशासन और सहकारिता विभाग यह जमीन खाली नहीं करवा पाया। अब कलेक्टर मनीष सिंह ने भूमाफियाओं के खिलाफ सख्ती शुरू की और एफआईआर तो दर्ज की ही, वहीं अन्य खरीददारों को भी चेतावनी दी, जिन्होंने सदस्यों के हित की जमीनें खरीद रखी है। वे जमीनें सरेंडर करें अन्यथा उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होने के साथ सख्त कानूनी कार्रवाई भी होगी। शनिवार को कलेक्टर मनीष सिंह, विधायक महेन्द्र हार्डिया के साथ श्री महालक्ष्मी नगर की जमीन देखने पहुंचे और मौके पर रंगून गार्डन का घपला भी सामने आया। दरअसल, रंगून गार्डन 70 हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर बना है। सर्वे नम्बर 162/मिन-1, 162/मिन-7 सहित अन्य सर्वे नम्बरों की जमीन मूल रूप से देवी अहिल्या गृह निर्माण की थी। अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर के मुताबिक संस्था की यह जमीन एक अन्य गृह निर्माण संस्था सन्नी को-ऑपरेटिव को अवैध रूप से बेच दी गई। सन्नी को-ऑपरेटिव ने इस जमीन पर जो भूखंड थे, उसकी पूरी जमीन रंगून गार्डन के संचालकों को सौंप दी। यासीन बानो, साजिदा बानो, फातेमा बानो, मोहम्मद असलम रंगूनवाला व अन्य के नाम पर इस जमीन पर पिछले 14-15 सालों से रंगून गार्डन चल रहा है, जिसे कलेक्टर ने दो दिन में हटाने के निर्देश भी दिए। इसमें 21 भूखंड सन्नी को-ऑपरेटिव के और 28 भूखंड रजत गृह निर्माण के शामिल कर लिए गए। इस तरह 49 भूखंडों में 70 हजार स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन शामिल कर ली गई, जिसका बाजार भाव आज 100 करोड़ रुपए से कम नहीं है। प्रशासन को इन सभी 49 भूखंडों में शामिल जमीनों को सरेंडर करने के संबंध में पत्र सौंप दिया गया। अब प्रशासन सन्नी को-ऑपरेटिव और रजत गृह निर्माण में सक्रिय भूमाफियाओं के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाएगा।
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