- मुख्यमंत्री के निर्देश पर अप्रैल माह में मंदिरों को भिखारीमुक्त करने के लिए महिला बाल विकास और नगर निगम ने चलाई थी मुहिम
उज्जैन। महाकाल, हरसिद्धि मंदिर सहित अन्य मंदिरों के बाहर बड़ी संख्या में भिखारियों की भीड़ पर अंकुश लगाने के लिए 5 माह पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर महिला बाल विकास विभाग और नगर निगम ने मुहिम चलाई थी। दावा किया गया था कि सर्वे के बाद उज्जैन भिखारियों की भीड़ से मुक्त हो गया था। सर्वे के बाद भी वही स्थिति है।
उल्लेखनीय है कि आज से लगभग 5 माह पहले अप्रैल के महीने में शिप्रा तट पर आयोजित नववर्ष प्रतिपदा और विक्रमोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान उज्जैन आए थे और उन्होंने मंदिरों के आसपास भिखारियों को हटाने को कहा है और उनको मुख्यधारा में लाने के लिए आश्रमों में भेजने की बात कही थी। इसके बाद कलेक्टर ने बैठक लेकर नगर निगम और महिला बाल विकास विभाग को इस काम का जिम्मा सौंपा था। कलेक्टर ने कहा था कि दोनों विभाग टीम बनाकर हरसिद्धि और महाकाल मंदिर तथा शहर के अन्य मंदिरों के बाहर भिखारियों का सर्वे कर उनके नाम पते दर्ज करे।
ज्ञात रहे महाकाल मंदिर और हरसिद्धि मंदिर पर प्रतिदिन बाहर से अपडाउन कर बड़ी संख्या में भिखारी भीख मांगने का धंधा करने आते हैं और दिन भर महाकाल मंदिर के पास और हरसिद्धि के पास बने फुटपाथ पर पड़े रहते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बाद अप्रैल माह में कुछ दिन महाकाल मंदिर क्षेत्र में महिला बाल विकास विभाग और नगर निगम की टीम ने भिखारियों का सर्वे भी किया था और कई भिखरियों को चिह्नित भी किया था। सर्वे रूकने के बाद एक बार फिर महाकाल मंदिर सहित पूरे शहर में सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी तादाद में भिखारी नजर आ रहे हैं। मंदिरों के अलावा टे्रफिक सिग्नलों पर भी यह धंधा किया जा रहा है। Share: