ब्‍लॉगर

आनंद के प्यास से जन्म लेती है कला

– हृदयनारायण दीक्षित विश्व मानवता का सतत् विकास हुआ है। मनुष्य ने सुख स्वस्ति और आनन्द के लिए लगातार प्रयत्न किये हैं। प्रकृति और मनुष्य के बीच अंगांगी सम्बन्ध हैं, लेकिन तमाम अन्तर्विरोध भी हैं। प्रकृति सत्य है, हम मनुष्य प्रकृति सत्य के मध्य जीवनयापन करते हैं। लेकिन मनुष्य ने शिव और सुन्दर की भी […]