ब्‍लॉगर

ब्रेन ट्रैपर वामपंथ कितनी हकीकत – कितना फसाना

– सुरेन्द्र कुमार किशोरी वेद और बुद्ध के दर्शन में निहित साम्यवादी विचारों को उल्लेखित करने से पहले दो चीजों को समझ लेना आवश्यक है, एक साम्यवाद क्या है? दूसरा साम्यवाद के परिपेक्ष्य में मार्क्सवादी दर्शन क्या है? साम्यवाद मूल रूप से एक स्वतंत्र समाज का विचार है, जिसमें कोई विभाजन नहीं होता है। जहां […]