जीवनशैली धर्म-ज्‍योतिष

चातुर्मास हो गया प्रारंभ, इस माह में भूलकर भी न करें ये काम, होगा अशुभ

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि जिसे देवशयनी एकादशी कहते हैं, के बाद से भगवान श्रीहरि क्षीरसागर में योग निद्रा में हैं। भगवान विष्णु (Lord Vishnu) यहां पर चार महीने व्यतीत करेंगे। उसके बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुनः पृथ्वी लोक पर वापस आयेंगे। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की […]

जीवनशैली देश धर्म-ज्‍योतिष

आज से चातुर्मास की शुरुआत, सभी मांगलिक कार्यों पर लगा ब्रेक

हिन्दू पंचांग (Hindu calendar) के अनुसार मंगलवार को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है। इसे देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) भी कहा जाता है और आज से चातुर्मास की शुरुआत हो रही है। इसके साथ ही सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग गया है। दरअसल, चातुर्मास को देवताओं का […]

उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

नागदा मंडी परिसर में हुआ जैन समाज का कार्यक्रम, चातुर्मास की तैयारी

नागदा। सिद्धि तप से तन की शुद्धि और इसको करने से मानव कल्याण होता है। यह संदेश मुनिराज चन्द्रयश विजयजी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चातुर्मास की आराधना से कई लाभ प्राप्त होते हैं। कार्यक्रम में सांसद एवं विधायक सहित अन्य गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। आयोजन में जैन समाज […]

जीवनशैली धर्म-ज्‍योतिष

कल से श्री हरि का शयनकाल, सृष्टि का जिम्मा शिव परिवार पर

एकादशी तिथि आज शाम 6 बजकर 58 मिनट से शुरु होगी जो कल शाम 4 बजकर 29 मिनट तक रहेगी, शयनकाल 15 नवम्बर तक रहेगा श्री हरि विष्णु (Shri Hari Vishnu) कल देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) से चार माह योग निद्रा (Mahayoga Nidra) में लीन हो जाएंगे, वहीं सृष्टि संचालन का जिम्मा शिव परिवार पर […]

देश धर्म-ज्‍योतिष मध्‍यप्रदेश

भगवान विष्णु इस बार 3 महीने 26 दिन करेंगे शयन

भोपाल । इस बार 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास (Devshayani Ekadashi to Chaturmas) शुरू हो रहे हैं। इसके साथ ही सभी तरह के मांगलिक कार्य लगभग 4 महीने के लिए बंद हो जाएंगे। चातुर्मास (Chaturmas) को देवताओं का शयन काल माना जाता है। इस समयावधि में भगवान श्री हरि योग निद्रा में विश्राम […]

ब्‍लॉगर

चातुर्मास संस्कृति एक अमूल्य धरोहर है

– ललित गर्ग वर्षा ऋतु के चार महीने व्रत, भक्ति एवं धर्माराधना के लिये निर्धारित है, जिसे ‘चातुर्मास’ कहा जाता है। भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा में चातुर्मास का विशेष महत्व है। हमारे यहां मुख्य रूप से तीन ऋतुएँ होती हैं- ग्रीष्म, वर्षा और शरद। वर्ष के बारह महीनों को इनमें बॉंट दें, तो प्रत्येक […]