खरी-खरी

कलदार की जुगाड़ की… अठन्नी ही खोटी निकल गई

चले थे सरमायदार बनने, सर ही मुंडाकर चले आए… जिस नीतीश ने बीड़ा उठाया, उसने ही बेड़ा गर्क कराया…बदनसीब विपक्ष के नसीब ने फिर धोखा खाया… कलदार की जोड़-तोड़ में लगे थे…चवन्नी ही बिखर गई…होना ही यह था…एकजुट हो जाते तो भी सर फुड़वाकर आते…चंद महीनों में ही नीतीश ने भांप लिया कि वो मेंढकों […]