अडानी ने खरबों गंवाए… हर दिन अमीरी में नीचे आए… अखबारों से लेकर चैनलों तक ने सुर गुंजाए… लेकिन अडानी ने क्या कमाया… क्या गंवाया… कागजों का पैसा था कागजों की कमाई और कागजों पर गंवाई… लेकिन उन करोड़ों देशवासियों का क्या जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई शेयरों के फर्जी उतार-चढ़ाव में लगाई… अडानी के सट्टेबाजी […]
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कंगाली के साथ 35.7 फीसदी बढ़ी पाकिस्तान की गरीबी दर, अखबारों ने सरकार को दी ये सलाह
इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) के माली हालात दिनों दिन बुरी स्थिति में आते जा रहे हैं। देश के प्रसिद्ध उर्दू अखबार इंतेखाब डेली ने बताया कि पाकिस्तान की गरीबी दर में 35.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और खाद्य पदार्थों की कीमतों में 20 से 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उधर, देश वैश्विक गरीबी सूचकांक […]
45 साल से नाबाद, शहर की धड़क़नों में शामिल अखबार के न तेवर बदले और न अंदाज-ए-बयां, लाखों पाठकों का भरोसा अटल
खबरों में तो आज भी सबके बाप हैं… और नाम है अग्निबाण इंदौर, राजेश ज्वेल। 45 साल की नाबाद (unbeaten) और चौकों-छक्कों से भरी पारी खेलते हुए अग्निबाण (Agniban) 46वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है और सबसे बड़ी बात यह है कि इतने वर्षों में भी लाखों पाठकों (readers) का भरोसा अटूट और अटल […]
खुद को बदल रहे हैं अखबार
प्रो. संजय द्विवेदी भारत में अखबारों के विकास की कहानी 1780 से प्रारंभ होती है, जब जेम्स आगस्टस हिक्की ने पहला अखबार ‘बंगाल गजट’ निकाला। कोलकाता से निकला यह अखबार हिक्की की जिद, जूनुन और सच के साथ खड़े रहने की बुनियाद पर रखा गया। इसके बाद हिंदी में पहला पत्र या अखबार 30 मई, […]
आज ही के दिन निकला था हिंदी का पहला अखबार
हिंदी पत्रकारिता दिवस आज, गर्व करने का दिन इन्दौर। हिंदी भाषा (Hindi language) में उदंत मार्तण्ड (Udanta Martand) के नाम से पहला समाचार पत्र (newspapers) आज ही के दिन 30 मई 1826 को निकाला गया था, इसलिए इस दिन को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रुप में मनाया जाता है। पं. जुगलकिशोर शुक्ल (Pt. Jugal Kishore […]
समाचार पत्रः आज भी विश्वसनीय
– ऋतुपर्ण दवे कुछ साल पहले ‘मैच फिक्सिंग’ शब्द काफी चर्चा में रहा था। हाल में टीआरपी को लेकर जिस तरह एकाएक कई सच उजागर हुए उसके बाद मानना पड़ेगा कि टीवी देखने वाले आँखों देखी ठगी का शिकार होते हैं। यहां मैच फिक्सिंग भी और टीआरपी फिक्सिंग भी। ऐसे शिकारों का दर्द भी दोहरा […]