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भारत को छद्म सेकुलरवाद से मुक्ति चाहिए

– हृदयनारायण दीक्षित अपने विवेक और विश्वास के आधार पर जीना प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है। भारतीय संविधान (अनु. 19) में विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संगठन बनाने व देश में अबाध संचरण के मौलिक अधिकार हैं। लेकिन छद्म सेकुलरवादी राष्ट्र राष्ट्रीयता व संवैधानिक मूल्यों पर आक्रामक रहते हैं। हाल में तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने […]

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भगवा से नफरत करने वालों को लेना होगा सबक

– मृत्युंजय दीक्षित भारत में छद्म धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने वाली जमात सनातन धर्म में त्याग के प्रतीक भगवा रंग से भी नफरत करती है। इसीलिए वर्षों तक भगवा आतंक की झूठी कहानी गढ़ने का प्रयास हुआ। उसमें असफल रहने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिबास पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने से लेकर […]