ब्‍लॉगर

संवाद की समरूपता में निहित है राष्ट्र की प्रगति

– डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ भाषा किसी दो सजीव में संवाद स्थापित करने का माध्यम है। जीव-जन्तु, पशु-पक्षियों और मनुष्य के अस्तित्व से ही संवाद का आरम्भ माना जाता है। प्रत्येक सजीव अपनी प्रजाति से किसी ने किसी भाषा में संवाद करते हैं। कोयल की कुहुक से लेकर मनुष्य की बोली तक संवाद की सजीवता […]