ब्‍लॉगर

मातृभाषा को मत छोड़िए

– डा. राकेश राणा जब हम अपनी मातृभाषा सीख रहे होते हैं तो एक सोचने-समझने की पूरी विधि को अख्तियार कर रहे होते हैं। भाषा हमें हमारे परिवेश में प्रतिष्ठित करने वाली दृष्टि प्रदान कर रही होती है। यह बहुत नैसर्गिक प्रक्रिया की तरह हमारे जीवनानुभवों में सम्पन्न होती रहती है। इसकी ताकत, क्षमता और […]