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अफगानिस्तान में ISIS के लिए काल बना तालिबान, काबुल में मारा गया IS खुरासान का चीफ

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने कहा कि उसके सुरक्षा बलों ने कुछ दिनों पहले काबुल में एक आतंकवाद-रोधी छापे के दौरान दो इस्लामिक स्टेट के दो प्रमुख कमांडरों का मार गिराया. मारे गए आतंकवादियों में खूंखार आतंकी कारी फतेह भी था, जिसे खुफिया प्रमुख और इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत के पूर्व युद्ध मंत्री के रूप में जाना जाता था. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने जानकारी दी.

बता दें कि ISKP इस्लामिक स्टेट का एक अफगान सहयोगी है और तालिबान का प्रमुख विरोधी है.आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस के आतंकी ने ही कारी फतेह के मारे जाने की सूचना तालिबान को दी थी. तालिबान इंटेलिजेंस ने ऑपरेशन कारी फतेह का वीडियो जारी किया.

प्रवक्ता मुजाहिद ने बताया कि कारी फतेह कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत के लिए मुख्य रणनीतिकार था और काबुल में रूसी, पाकिस्तानी और चीनी दूतावास पर हमले की साजिश रची थी. साथ ही कई हमलों की योजना बनाने के लिए जिम्मेदार था. प्रवक्ता मुजाहिद ने इस्लामिक स्टेट के दो सहयोगियों के साथ हिंद प्रांत के अमीर एजाज अहमद अहंगर की हत्या की भी पुष्टि की है. बता दें कि इसी साल भारत सरकार ने अहंगर को आतंकी घोषित किया था.


हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा था कि अफगानिस्तान में 3,000 से अधिक आईएस लड़ाके सक्रिय हैं और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. इनमें से करीब 200 सेंट्रल एशिया में हैं, हालांकि कुछ देशों का मानना है कि यह संख्या 6000 तक है. यूएन की रिपोर्ट में ISIL द्वारा उत्पन्न खतरों का खुलासा किया था. ISIL-K यह दिखाना चाहता है कि तालिबान अफगानिस्तान में सुरक्षा प्रदान करने में असफल है. ऐसे में राजनयिक मिशन को टारगेट करते आईएस तालिबान से अन्य देशों के रिश्तों को भी खत्म करना चाहता है.

बता दें कि कारी फतेह को यूएनएससी मॉनिटरिंग टीम ने मई 2022 में ISKP के सैन्य प्रमुख के तौर पर सूचीबद्ध किया था. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड खुरासान ने अफगानिस्तान में भारत-चीन और ईरान के दूतावास पर आतंकी हमले की धमकी दी है.

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