ठाणे। महाराष्ट्र (Maharashtra) के ठाणे जिले की एक महिला और उसके पति का कुवैत जाकर अधिक धन कमाने और बेहतर जीवन बिताने का सपना तब टूट गया जब उनके नियोक्ता ने उनका शोषण (Exploitation) किया और दोनों को बंदी बना लिया। लेकिन ठाणे पुलिस के ‘भरोसा’ सेल के प्रयासों और कुवैत में भारतीय दूतावास द्वारा दी गई सहायता के परिणामस्वरूप दंपती सुरक्षित रूप से भारत (India) लौट आए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। दंपती ने स्थानीय पुलिस और भारतीय दूतावास को सहायता के लिए धन्यवाद दिया है।
मीरा भायंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस के ‘भरोसा’ सेल की सहायक पुलिस निरीक्षक(assistant police inspector) तेजश्री शिंदे ने कहा कि ठाणे जिले के भयंदर की एक महिला ने कुछ समय पहले शिकायत दर्ज कराई थी कि कुवैत में एक घरेलू सहायिका और उसके पति को उनके नियोक्ता ने बंधक बना लिया है। महिला ने पुलिस को बताया कि वह दंपती को जानती है क्योंकि वह उनके साथ पहले भी काम कर चुकी है।
तेजश्री शिंदे ने कहा, ‘‘उसने अपनी शिकायत में कहा कि दंपती इस साल पांच अप्रैल को एक भर्ती एजेंसी के माध्यम से कुवैत गए थे। उन्हें कुवैत के एक नागरिक द्वारा घरेलू सहायक के रूप में काम पर रखा गया था। उन्हें 40,000 रुपये मासिक वेतन देने का वादा किया गया था। उन्हें घरेलू कामों और खाना पकाने के अलावा दो बच्चों की देखभाल करने का काम सौंप गया था।”
शिकायत के मुताबिक, हालांकि उनके नियोक्ता मोसाब अब्दुल्ला (Mosab Abdullah) ने दंपति को नौ बच्चों की देखभाल करने और छह कमरों वाले एक फ्लैट की साफ-सफाई और अन्य काम करने के लिए मजबूर किया। उन्हें दिन में 22 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। काम के दबाव के कारण महिला की तबीयत खराब हो गई और उसे कुवैत के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस अधिकारी शिंदे ने कहा, ‘‘इस बीच पीड़ित महिला किसी तरह भायंदर में रहने वाली अपनी मित्र के संपर्क में आई और कुवैत के अस्पताल की तस्वीर साझा की और खुद और अपने पति को बचाने की गुहार लगाई।’’ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला एमबीवीवी पुलिस के ‘भरोसा’ सेल पहुंची और दंपति को बचाने के लिए मदद मांगी।
इसके बाद एमबीवीवी पुलिस ने कुवैत में भारतीय दूतावास से संपर्क किया और मदद मांगी। एमबीवीवी पुलिस और कुवैत में स्थित भारतीय दूतावास के प्रयासों से दंपति को वहां से सुरक्षित निकालकर भारत लाया गया।
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