इंदौर। लवकुश चौराहा (Lavkush Square) पर प्राधिकरण (IDA) द्वारा इंदौर (Indore) ही नहीं, बल्कि प्रदेश (State) का सबसे बड़ा और अनूठा डबल डेकर ब्रिज (double decker bridge) 174 करोड़ रुपए की राशि से निर्मित किया जा रहा है, जिसमें रोजाना एक-एक कर गर्डरों की लॉन्चिंग इन दिनों चल रही है और कुल 247 तीन हजार टन वजन की इन गर्डरों को तैयार पिलरों पर विशाल क्रेनों की सहायता से रखा जा रहा है। प्राधिकरण का कहना है कि 65 फीसदी इस ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है और इसी साल 31 दिसम्बर तक निर्माण पूर्ण कर नए साल में इस ब्रिज से यातायात शुरू कर दिया जाएगा, जिससे 2 लाख वाहन चालकों को राहत मिलेगी। अभी प्राधिकरण ने एमआर-10 से सुपर कॉरिडोर जाने के लिए जो फोरलेन ब्रिज बनाया था उसे भी कुछ समय पूर्व यातायात के लिए खोल दिया और इससे भी भौंरासला चौराहा पर लगने वाले जाम से राहत मिल गई है।
अब प्राधिकरण एक दूसरा डबल डेकर ब्रिज कनाडिय़ा रोड पर भी निर्मित करने जा रहा है, जो कि डीमार्ट से शुरू होकर बायपास को क्रॉस करता हुआ कनाडिय़ा थाने के आगे तक निर्मित होगा। इसकी ड्राइंग-डिजाइन फाइनल होते ही टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। वहीं प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार के मुताबिक अन्य जगह भी डबल डेकर ब्रिज निर्माण के प्रयास किए जा रहे हैं, खासकर जिन चौराहों पर अत्यधिक यातायात है। लवकुश चौराहा पर जो डबल डेकर ब्रिज बन रहा है उसकी जमीन से ऊंचाई लगभग 72 फीट है और निर्मित पिलरों पर गर्डर लॉन्चिंग का काम पिछले दिनों शुरू किया गया और रोजाना ही आधी रात के बाद गर्डर लॉन्च की जा रही है, क्योंकि दिन में यातायात का दबाव अधिक रहता है और विशालकाय क्रेनें इसके लिए लगाना पड़ती है। एक गर्डर का वजन 12 टन है, इस तरह 247 गर्डर रखी जाएगी, जिनका कुल वजन 3 हजार टन से अधिक रहेगा। प्राधिकरण ने इस डबल डेकर ब्रिज का निर्माण पूर्ण होने की समय सीमा 31 दिसम्बर तय की है। इससे उज्जैन की ओर आने-जाने वाला यातायात सुगम होगा और रोजाना 2 लाख से अधिक वाहनों को राहत मिलेगी। यह ब्रिज भी 6 लेन का निर्मित किया जा रहा है, जिसकी लम्बाई 1452 मीटर और चौड़ाई 24 मीटर रहेगी। जंक्शन सुधार की दृष्टि से 60 मीटर चौड़ाई का ऑब्लिगेट्री स्पॉन का इस्तेमाल किया गया है। प्राधिकरण सीईओ श्री अहिरवार के मुताबिक तकनीक के साथ-साथ इस ब्रिज में कई नए प्रयोग भी किए गए हैं और यह इंदौर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश का सबसे अनूठा डबल डेकर ब्रिज रहेगा। इसके अलावा प्राधिकरण अन्य स्थानों पर भी इस तरह के ब्रिज की प्लानिंग कर रहा है। दिल्ली और नागपुर में जिस तरह के डबल ब्रिज बने हैं उसके मुताबिक इंदौर में भी जनप्रतिनिधियों की मांग है। खासकर नागपुर में एशिया का सबसे लम्बा 5.6 किलोमीटर का डबल डेकर बना है, जिसके ऊपर मेट्रो लाइन, उसके बाद वाहनों के लिए फ्लायओवर और फिर नीचे रेलवे ट्रैक और फिर उसके बाद सडक़ है। इंदौर के लवकुश चौराहा पर बन रहे डबल डेकर ब्रिज में भी मेट्रो नीचे से गुजरेगी और वाहन उसके ऊपर से निकलेंगे। पलासिया सहित अन्य चौराहों के लिए भी विचार-विमर्श जारी है।
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