
- स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर गंभीरता नहीं-शहर में फैली गंदगी और फिर भी हम हैं नंबर 1
उज्जैन। शहर में नदी क्षेत्र हो या अंदर के गली मोहल्ले, सभी जगह इन दिनों गंदगी दिखाई दे रही है तथा नालियों में से भी निकासी नहीं हो रही है।
उल्लेखनीय है कि साफ-सफाई के मामले में देश का सबसे बड़ा सर्वे स्वच्छ सर्वेक्षण हर वर्ष हो रहा है। इस बार भी इसके लिए टीम कभी भी शहर आ जाएगी। उज्जैन देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का पड़ौसी है। इसके बावजूद उज्जैन और इंदौर की साफ-सफाई व्यवस्था में कई समानताओं के साथ काफी बड़ा फर्क भी नजर आ रहा है। यहां जल संरचनाओं की सफाई व्यवस्था उज्जैन से बेहतर इंदौर में है, जहां कान्ह नदी में जमी जलकुंभी को ट्रेश क्लीनर मशीन की मदद से बाहर किया जा रहा है। जबकि 8 साल पहले सवा करोड़ रुपए खर्च कर शिप्रा और रूद्रसागर की सफाई के लिए खरीदी गई थी। ये मशीन यदा-कदा शिप्रा और रूद्रसागर में जरूर दिखाई दी, पर इसकी वजह से ना कभी नदी स्वच्छ हुई और ना रूद्रसागर में जमी जलकुंभी हटी। जबकि इस मशीन को खरीदने के लिए तत्कालीन महापौर परिषद ने मैसूर, बेंगलुरू और अमदाबाद का दौरा किया था। ऐसी ही मशीन से साबरमती नदी की सफाई होती देख परिषद प्रभावित हुई थी। यह मशीन 8 साल से उपयोग में नहीं आ रही है।