राजबाड़ा की सेंट्रल लाइब्रेरी की तल मंजिल में वर्षों पुरानी कई दुकानें थीं
इंदौर। राजबाड़ा (Rajbara) के समीप स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी (Central Library) का काफी हिस्सा सडक़ की जद में आ रहा था। पिछले दिनों नोटिस (Notice) के बाद तल मंजिल के कई दुकानदार (Shopkeeper) तिकड़म में लगे थे और दो दिनों के अंतराल में एक दर्जन से ज्यादा दुकानें लाइब्रेरी (Library) के हिस्से में ही पीछे खिसकाकर बना ली गईं तो अधिकारी भी हैरान रह गए कि तोडफ़ोड़ भी इस प्रकार की गई कि लग ही नहीं रहा है कि यहां कभी बाधक हिस्से थे।
बड़ा गणपति (Bada Ganapati) से कृष्णपुरा (Krishnapura) तक बनने वाली सडक़ के लिए जगह-जगह तोडफ़ोड़ जारी है। कल से उन स्थानों पर निगम कार्रवाई करेगा, जहां लोगों ने अपने मकानों के बाधक हिस्से नहीं हटाए हैं। कृष्णपुरा क्षेत्र (Krishnapura Area) में भी लगातार तोडफ़ोड़ 15 दिनों से जारी है। वहां शुरुआत से ही वर्षों पुरानी सेंट्रल लाइब्रेरी (Central Library) का हिस्सा भी सडक़ की जद में आ रहा था। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Project) के कार्यपालन यंत्री डीआर लोधी के मुताबिक लाइब्रेरी (Library) का तीन से चार मीटर का हिस्सा बाधक बन रहा था, जिसके चलते पहले दौर में बातचीत हुई थी और बाद में निगम (Corporation) ने किसी प्रकार की रियायत देने से इनकार कर दिया था। लाइब्रेरी (Library) की तल मंजिल में वर्षों पुरानी दुकानें हैं, जो लोगों ने किराए पर ले रखी थीं। नोटिस के बाद दुकानदारों ने तिकड़म भिड़ाई और उसके बाद लाइब्रेरी परिसर की ही अंदर की जमीन पर उसी प्रकार से दुकानें बना ली गईं और अब बाहर शटर लगा दिए गए हैं। दो दिनों के अंतराल में वहां का नजारा ही बदल गया। वहां से सडक़ की साइट क्लीयर (Site Clear) नजर आ रही है। अधिकारियों का कहना है कि दुकानदारों और ट्रस्ट के बीच जो भी सहमति हुई है, इससे निगम (Corporation) को लेना-देना नहीं है, लेकिन निगम (Corporation) का काम जरूर पूरा हो गया।
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