इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

काले धंधे में नगर निगम की पूरी भागीदारी, हर किसी को खरीदने में माहिर था मद्दा


शासन की अवैध कॉलोनी नियमितीकरण की योजना का फायदा उठाया, हड़पी जमीन को कमाऊ बनाया
इंदौर। अब तक बचता रहा इंदौर का सबसे बड़ा भूमाफिया दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक जैन उर्फ दीपक मद्दा (Deepak Madda) हर किसी को खरीदने में माहिर था। बड़े-बड़े माफिया (Mafia) जेल चले गए, लेकिन उनके माफियाओं को अपराध सिखाने वाला दीपक मद्दा अपनी इसी महारत के चलते अब तक बचता रहा। उसने कई सहकारी संस्थाओं की जमीनों को ठिकाने लगाया, जिनमें से अब भी कई संस्थाओं के राज खुलना बाकी हैं। शासन की अवैध कॉलोनी ( Illegal Colony) नियमितकरण योजना का फायदा उठाते हुए मद्दा ने चार संस्थाओं से हड़पी जमीन को 50 मकानों की हिना पैलेस कॉलोनी में शामिल कर 515 भूखंडों की ऐसी कॉलोनी बना डाली, जिस पर बहुमंजिला इमारतों के 10 से 15 हजार फीट तक के प्लॉट भी नगर निगम ने आंख मूंदकर स्वीकृत कर दिए। इस स्वीकृति में जहां निगम की कॉलोनी सेल के भ्रष्ट अधिकारी शामिल रहे, वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी भी आंख मूंदकर मंजूरी देते रहे।


हिना पैलेस कॉलोनी ( Hina Palace Colony) के नियमितीकरण में निगम कॉलोनी सेल के अधिकारियों ने किस तरह रुचि दिखाई यह इस बात से पता चलता है कि कॉलोनी नियमितीकरण के लिए प्रकाशित विज्ञप्ति में केवल 4 खसरों का उल्लेख किया गया। ये चार खसरे मूल हिना पैलेस कॉलोनी के थे, जबकि अन्य खसरों का उल्लेख नहीं होने से कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं हो सकी। हिना पैलेस के नियमितीकरण हेतु भूमाफियाओं ने 2 जनवरी 2009 को निगम आयुक्त को आवेदन किया और 11 दिनों में ही पत्र आयुक्त कार्यालय से कॉलोनी सेल में पहुंच गया। पत्र प्राप्त होते ही उसी दिन 13 जनवरी को एक साथ पांच पत्र जारी किए गए। पत्र क्रमांक 1747 से लेकर 1751 तक के यह पांच पत्र जिला प्रशासन के तहसीलदार, नजूल अधिकारी और संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, सक्षम प्राधिकारी नगर भूमि सीमा और मुख्य अभियंता इंदौर विकास प्राधिकरण को जारी किए गए। कॉलोनी सेल द्वारा दिखाई गई यह मुस्तैदी जहां अपने आप में इतिहास है, वहीं कॉलोनी सेल टॉस्क फोर्स कमेटी ने आवेदन के 5 महीनों में ही 23 जून को ही बैठक में तमाम अनियमितताओं के बावजूद अनुमति दे डाली। इस बैठक की अध्यक्षता तत्कालीन अपर आयुक्त केदारसिंह ने की, जिसमें प्राधिकरण के डीएल गोयल, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के आरसी सेन, नगर निगम कॉलोनी सेल के विनोद सर्राफ, उपायुक्त लता अग्रवाल और सहायक यंत्री पीसी जैन शामिल थे। सभी ने संगतमत होकर तमाम रिपोर्टों में 10 खसरे क्षेत्रीय उद्यान के शामिल होने और नाले की शासकीय भूमि होने सहित तमाम अनियमितताओं को नजरअंदाज करते हुए मंजूरी दे डाली। जिस बैठक में हिना पैलेस नियमितीकरण की मंजूरी दी गई, उसी बैठक में सिरपुर की शांतिनाथपुरी नामक अवैध कॉलोनी क्षेत्रीय उद्यान होने के कारण निरस्त कर दी गई।

प्रशासन अब भी भ्रम में… मात्र डेढ़ एकड़ पर है असली हिना पैलेस
जिस हिना पैलेस कॉलोनी का नियमितीकरण किया गया उसमें शामिल 10.746 हेक्टेयर भूमि में से 2.206 भूमि प्रशासन द्वारा मूल हिना पैलेस कॉलोनी की बताई जा रही है, जबकि हकीकत यह है कि उक्त कॉलोनी में से मात्र 0.502 हेक्टेयर, यानी डेढ़ एकड़ से कम जमीन मूल हिना पैलेस की है। नियमितीकरण में शामिल 10.746 हेक्टेयर भूमि में से 6.609 हेक्टेयर भूमि जहां दिलीप पिता आनंदीलाल सिसौदिया उर्फ दीपक मद्दा की है, वहीं 3.262 हेक्टेयर भूमि वैभव महालक्ष्मी रियल एस्टेट के भागीदार जितेंद्र राजीव पिता सूरज प्रकाश धवन उर्फ हैप्पी-लक्की के नाम से दर्ज है। उक्त भूमि जहां दीपक मद्दा ने श्रीराम गृह निर्माण संस्था से हड़पी, वहीं धवन बंधुओं ने उक्त भूमि 4 गृह निर्माण संस्थाओं से हड़पी, जबकि मूल हिना पैलेस कॉलोनी की भूमि सर्वे क्रमांक 1127 रकबा 0.279 हेक्टेयर सकीना बी पति हाजी दाऊद, सर्वे नंबर 1042 रकबा 0.227 हेक्टेयर भूमि रामचंद्र नंदकिशोर सुरेश पिता रामप्रसाद की है।


क्षेत्रीय उद्यान की जमीन पर नियमितीकरण
हिना पैलेस नियमितीकरण के लिए भूमाफियाओं ने जो आवेदन दिया उसमें दीपक जैन उर्फ दीपक मद्दा ने फर्जी रहवासी संघ बनाकर अध्यक्ष माखनलाल को भी शामिल कर लिया। आवेदन में ही आवेदनकर्ताओं ने स्वयं लिखा कि उद्यान, खेल मैदान, नदी, तालाब, नाले पर अवैध कॉलोनियों का नियमितीकरण नहीं हो सकेगा। इसके बावजूद खसरा नंबर 1057, 1058, 1059, 1060, 1094 की भूमियां क्षेत्रीय उद्यान में शामिल होने के बावजूद निगम अधिकारियों ने नियमितीकरण कर डाला।
पूरी हिना पैलेस में केवल 48 बिजली कनेक्शन
अग्निबाण द्वारा हिना पैलेस घोटाले के दस्तावेज जुटाए गए तो एक ऐसी सनसनीखेज जानकारी हासिल हुई, जिससे साबित होता है कि निगम अधिकारियों की किस तरह की मिलीभगत थी। जिस हिना पैलेस कॉलोनी के नियमितीकरण आवेदन में 515 प्लॉट मंजूर कराए गए उस हिना पैलेस कॉलोनी में केवल 48 विद्युत कनेक्शन थे। यानी यहां केवल 50 मकान आवेदन के समय बसे थे। यह विद्युत कनेक्शन के बिल आवेदनकर्ताओं ने खुद अपने आवेदन में लगाए, जिसे निगम अधिकारियों ने नजरअंदाज कर डाला।


सर्च रिपोर्ट में भी 4 संस्थाओं की जानकारी छुपाई
हिना पैलेस कॉलोनी नियमितीकरण में भूमाफियाओं ने अधिवक्ता दिलीप राजौरिया की रिपोर्ट लगाई, जिसमें राजौरिया ने दिलीप सिसौदिया के स्वामित्व की भूमि श्रीराम गृह निर्माण संस्था से खरीदना तो बताया, लेकिन वैभवलक्ष्मी रियल एस्टेट के जितेंद्र एवं राजीव पिता सूरज प्रकाश उर्फ हैप्पी-लक्की धवन की जमीनों को चार संस्थाओं से खरीदने की जानकारी को छुपाया। निगम ने अधिवक्ता की रिपोर्ट में श्रीराम गृह निर्माण की जमीन शामिल होने के बावजूद इसे नियमितीकरण में शामिल कर लिया।
आवेदन में 4 मोहल्लों के निवासियों की वोटर लिस्ट लगा डाली
भूमाफिया दीपक जैन उर्फ दीपक मद्दा तथा रहवासी संघ के फर्जी अध्यक्ष अनोखीलाल ने फर्जी हिना पैलेस में बसाहट बताने के लिए अपने आवेदन में अशरफी नगर, मैजेस्टिक नगर, कादर कॉलोनी और हारून नगर चार मोहल्लों के लोगों की वोटर लिस्ट ही लगा डाली, जबकि आवेदन में ही लगी हिना पैलेस की वोटर लिस्ट में 175 पुरुष और 179 महिलाओं सहित 294 रहवासियों की जानकारी लिखी गई थी, जो 48 मकानों में रहते थे।


टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने नियमितीकरण के प्रावधान को ही गैरकानूनी बताया …फिर भी मंजूूरी
नगर निगम द्वारा संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश से अभिमत मांगे जाने पर संयुक्त संचालक ने नगर निगम आयुक्त को पत्र क्रमांक 1440 दिनांक 23 फरवरी 13 द्वारा सूचित किया कि मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 व मध्यप्रदेश भूमि विकास निगम 2012 में नियमितीकरण के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है।
पीएसपी की जमीन को आवास में बदल डाला
कार्यालय संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश ने अपने पत्र में हिना पैलेस कॉलोनी के नियमितीकरण में शामिल किए गए 50 खसरों के रकबे 10.746 हेक्टेयर का जो विवरण दिया उसमें पूरी जमीन सार्वजनिक, अद्र्धसार्वजनिक, मार्ग तथा क्षेत्रीय उद्यान में शामिल बताई गई। इसके बावजूद निगम ने भू-उपयोग परिवर्तन की साजिशों पर आंख मूंदते हुए मास्टर प्लान में नियोजित विभिन्न प्रयोजनों की भूमि को आवास में परिवर्तित कर डाला।
नजूल ने भी बताया भूमि नाले में शामिल है
कलेक्टर नजूल शाखा ने पत्र क्रमांक 1310 दिनांक 26 फरवरी 09 द्वारा कॉलोनी सेल को सूचित किया कि नियमितीकरण में शामिल भूमि के मध्य की भूमि सर्वे क्रमांक 1055 एवं 1073 राजस्व अभिलेखों में नाला नजूल में दर्ज है। यानी नाले की भूमि शासकीय होती है, इसके बावजूद निगम ने नाले की भूमि को भी नियमितीकरण में शामिल कर लिया।


घोटाले में घोटाला…पूरी जमीन खाली फिर भी बगीचे के लिए 10 ‘ जमीन नहीं छोड़ी… मद्दा से सवा 3 करोड़ मांगे… आवेदन पर ही 45 लाख घटाए…. केवल 17 लाख जमा कराए
हिना पैलेस कॉलोनी नियमितीकरण के तहत नगर निगम ने पत्र क्रमांक 575 दिनांक 20-6-2013 के जरिए कॉलोनी में 10 प्रतिशत भूमि 0.780 खुली छोड़े जाने की अनिवार्यता तो बताई, लेकिन उसका रकबा घटाकर 0.478 हेक्टेयर कर दिया और उसके मुआवजे के स्वरूप 3 करोड़ 17 लाख रुपए जमा कराए जाने का पत्र जारी किया। इसके विरोध में भूमाफियाओं ने कॉलोनी सेल को पत्र लिखकर उक्त राशि घटाकर 2 करोड़ 72 लाख करने का निवेदन किया और उसे निगम ने न केवल मंजूर कर लिया, बल्कि भूमाफियाओं के आवेदन पर मात्र 17 लाख 10 हजार रुपए ही जमा करने और शेष रकम बाद में जमा करने के आवेदन पर ही नियमितीकरण जारी कर दिया और आज तक भूमाफियाओं ने नियमितीकरण की राशि नहीं चुकाई। यानी नगर निगम ने सीधे-सीधे 3 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान पहुंचाया।

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