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जज ने सुनाई उम्रकैद की सजा, तभी हत्‍यारे ने लगा दी दौड़, 200 मीटर दूर धराया

खंडवा (Khandva) । जिला न्यायालय (District Courts) में उस समय खलबली मच गई, जब एक हत्यारा उम्रकैद (life prison) की सजा सुनते ही कोर्ट से भाग निकला। न्यायाधीश ही नहीं, जिला लोक अभियोजक अधिकारी और वहां खड़े लोगों ने पुलिस वालों को कहा… पकड़ो-पकड़ो हत्यारा भाग रहा है। हालांकि, आरोपी सिर्फ 200 मीटर तक ही भाग पाया फिर उसे कोर्ट केमुंशी ने पकड़ लिया। ये किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के खंडवा में गुरुवार को हुई एक सच्ची घटना है। दरअसल लव ट्राइंगल में प्रेमिका का चेहरा कुचलकर उसकी नृशंस हत्या करने वाले सिरफिरे आशिक कैलाश उर्फ रावण और उसके साथी संदीप की सजा का मामला था। कोर्ट ने गुरुवार शाम दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई। जैसे ही न्यायाधीश ने ऑर्डर सुनाया संदीप कोर्ट से भाग निकला।


अभियोजन की ओर से प्रकरण का संचालन जिला लोक अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने किया। अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ हरिप्रसाद बांके ने बताया घटना 14 मार्च 2020 को पंधाना थाना क्षेत्र के नाथु नाला पैंडार के जंगल में हुई थी। फरियादी सोनू का 40 वर्षीय राधा बाई पति राधेश्याम से परिचय था। सोनू राधा बाई को बाइक पर बैठाकर बोरगांव क्षेत्र के जंगल के रास्ते गांव की ओर जा रहा था। पूर्व प्रेमी कैलाश उर्फ रावण पिता कमलचंद (40) निवासी ग्राम गावड़ा व उसका साथी संदीप पिता सोहनलाल (22) निवासी निवासी ग्राम खैगांवड़ा उनकी रेकी कर रहा था। दोनों बाइक लेकर राधा बाई का पीछा करते हुए जंगल में पहुंचे।

रावण ने सोनू को रोककर इस बात पर झगड़ा किया कि मेरी प्रेमिका को लेकर वह क्यों घूम रहा है। झगड़े में रावण ने लकड़ी से सोनू के सिर पर वार किया था। जिसमें वह खून से लथपथ होकर धराशायी हो गया। राधा बाई बीच-बचाव करने आई तो रावण और संदीप ने उसे भी धक्का देकर जमीन पर गिराया। फिर नुकीले पत्थर से राधाबाई के गाल, कान व सिर पर गुस्से में रावण ने ताबड़तोड़ वार किए थे, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। सोनू की शिकायत पर पंधाना थाने में आरोपी रावण व संदीप के खिलाफ हत्या में केस दर्ज किया था। आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में अभियोग पत्र दाखिल किया था।

डीपीओ हुक्मलवार ने बताया सजा का मुख्य आधार डीएनए रिपोर्ट, चश्मदीद सोनू व राधा बाई के भाई और बेटे की गवाही थी। आरोपी रावण को पुलिस ने महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया था। तब उसने पूछताछ में बताया था कि हत्या के दौरान जो टीशर्ट पहन रखी थी वह घर पर छिपाकर रखी है। पुलिस ने उसे जब्त किया तो उसपर खून लगा था। टीशर्ट में मिले खून के धब्बों से राधाबाई के डीएनए सैंपल का मिलान किया तो सच सामने आ गया कि यह खून राधाबाई का ही है।

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