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जिस झूठ से फायदा हो उसे बोलने में बुराई नहीं, ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी ने कार्यकर्ताओं को दी सलाह

ब्रिटेन में सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को सलाह दी है कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसा प्रचार अभियान चलाना सीखें। पार्टी के एक न्यूजलेटर में ये बात कही गई है। इसमें सलाह दी गई है कि कार्यकर्ता ‘फेक न्यूज को हथियार बनाएं’ और अगर फायदा हो तो बेतुकी बातें भी लोगों के बीच फैलाएं। लंदन के अखबार ‘द इंडिपेंडेन्ट’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कंजरवेटिव पार्टी ने नॉर्थेम्पटनशर काउंटी के कार्यकर्ताओं को ये न्यूजलेटर भेजा है। इसमें कहा गया है कि ट्रंप से हम यह सबक सीख सकते हैं कि सच जब तक यात्रा शुरू करता है, झूठ सारी दुनिया का चक्कर लगा चुका होता है।

न्यूजलेटर में सामाजिक और नस्लीय न्याय के विचारों का मुकाबला करने की सलाह भी दी गई है। कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि विपक्षी लेबर पार्टी ने सत्ता में रहते हुए जो समानता कानून बनाया था, उस पर वे जमकर हमला बोलें। लेबर पार्टी की सरकार ने ये कानून कार्य स्थलों और सार्वजनिक सेवाओं में पूर्वाग्रहों के खात्मे के लिए बनाया था। कंजरवेटिव कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे लोगों को बताएं कि ये कानून लिंग आधारित भेदभाव को कानूनी रूप देता है।

ये न्यूजलेटर कंजरवेटिव सांसद पीटर बोन के चुनाव क्षेत्र विलिंगबोरो में बांटा गया है। इसका वहां के एक कंजरवेटिव नेता जैक समर्स ने विरोध किया और तब ये बात मीडिया में चर्चित हुई। समर्स का कहना है कि उन्हें पार्टी की उम्मीदवार सूची से हटा दिया गया था। समर्स ने द टाइम्स अखबार से कहा कि उन्हें धमकी भरे फोन कॉल आए हैं। इन कॉल्स में उनसे कहा गया कि अगर वे पार्टी की बताई जा रही लाइन पर नहीं चलते हैं, तो उनका राजनीतिक करियर बर्बाद हो जाएगा। लेकिन समर्स ने कहा- जो निर्देश दिया जा रहा है, मैं उसके अनुरूप चलने को तैयार नहीं हूं। उन्होंने कहा- यह निर्देश लोकतंत्र पर हमला है। अब कंजरवेटिव पार्टी बदल गई है। ये वो पार्टी नहीं है, जिसमें मैं शामिल हुआ था। यह कंजरवेटिव के बजाय उग्र राष्ट्रवादी पार्टी बन गई है।

न्यूजलेटर में लिखी गई बातें समर्स की राय की पुष्टि करती हैं। इसमें कहा गया है कि कंजरवेटिव पार्टी के प्रचारकों को ऐसी तकनीक सीखनी चाहिए, जिससे फेक न्यूज को लोग वास्तविक खबर मानें। साथ ही उस प्रचार से ईमानदार राजनेताओं को हाशिये पर धकेला जा सके। इसमें लिखा गया है- किसी बात को देखकर आपके दिमाग में पहली प्रतिक्रिया यह हो सकती है कि यह बकवास है। लेकिन ऐसी बातें आपके विरोधियों को सुर्खियों से पीछे धकेल देती हैं। ऐसी बातों से आपके बारे में यह कहते हुए खबरें छप सकती हैं कि आपने मूर्खता भरी बात की, लेकिन उसे आप नजरअंदाज करें। उन बातों से आपका विरोधी खबरों से बाहर हो जाएगा।

अब तक ये बातें चर्चा में थीं कि बहुत सी राजनीतिक ताकतें फेक न्यूज का रणनीति के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। लेकिन ये शायद पहला मौका है, जब किसी विकसित लोकतंत्र में किसी मुख्यधारा पार्टी के बारे में ऐसा दस्तावेज सामने आया है। इसमें कार्यकर्ताओं को सीख दी गई है कि कभी- कभी गलत समय पर सही बात कहने के बजाय सही समय पर गलत बात कहना बेहतर होता है। अगर आप पर्याप्त रूप से संदिग्ध बातें करेंगे, तो आपका विरोधी उससे दब कर रह जाएगा। अगर किसी गलत ट्विट की सफाई देने में उसने एक हफ्ता लगा दिया, तो उसकी नाकामी तय है। न्यूजलेटर में कहा गया है कि ट्रंप ने खबरों में छाये रहने और दूसरे राजनेताओं को चर्चा से बाहर रखने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल किया।

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