इंदौर। तीन माह पहले सभी झोनल अधिकारियों (zonal officers) को निर्देश दिए गए थे कि निगम (corporation) की विभिन्न स्थानों पर खाली पड़ी भूमि (land) को चिन्हित किया जाए और उसकी सूची बनाकर रिकार्ड (records) तैयार किया जाए, लेकिन आज तक किसी भी झोनल में यह कार्य पूरा नहीं हो पाया है। निगम (corporation) का सारा अमला सफाई व्यवस्थाओं (cleaning arrangements) से लेकर अन्य कार्यों में जुटा है, जिसके चलते यह महत्वपूर्ण मामला भी उलझन में रह गया।
कई झोनों के अंतर्गत नगर निगम (Municipal Corporation) की काफी खाली जमीनें पड़ी हैं, जिसकी जानकारी अफसरों से लेकर झोन पर तैनात स्टाफ (staff) को भी नहीं रहती है। कुछ वर्ष पूर्व हरसिद्धि झोनल कार्यालय (harsiddhi zonal office) की जमीन को लेकर ऐसे ही विवाद की स्थिति सामने आई थी और जमीन को लेकर कुछ लोगों ने अपना दावा प्रस्तुत किया था। इन सबके चलते निगमायुक्त प्रतिभा पाल (corporator Pratibha Pal) ने सभी झोनल अधिकारियों (zonal officers) और भवन अनुज्ञा शाखा के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि हर झोन के अंतर्गत खाली पड़ी निगम (corporation) भूमियों का सीमांकन करने के साथ-साथ उन्हें चिन्हित किया जाए, ताकि निगम (corporation) उनके संरक्षण की कार्रवाई शुरू कर सके। निगम की कई जमीनों पर लोगों न केवल कब्जे कर लिए हैं, बल्कि वहां कच्चे-पक्के मकान बना लिए गए, जिनकी शिकायतें हुई थीं। आदेश के तीन माह बाद तक कई झोनलों में इस बारे में कोई काम शुरू नहीं हुआ है।
लालबाग, मोती तबेला, छत्रीबाग और मिल क्षेत्र में सर्वाधिक कब्जे
निगम (corporation) की खाली भूमियों (vacant lands) पर कई जगह कब्जे के मामले में जो शिकायतें हुई हैं, उनमें मिल क्षेत्र में कई स्थान हैं, जहां निगम की जमीनों पर लोगों ने अवैध रूप से न केवल कब्जे कर लिए हैं। इसके अलावा छत्रीबाग (Chhatribagh) में नदी किनारे (river bank) के छोर पर और लालबाग, अर्जुनपुरा, मोती तबेला, मच्छी बाजार (Machi Bazar) सहित कई क्षेत्रों में कब्जों की शिकायतें आई थीं। कई स्थानों पर अधिकारियों को ही जानकारी नहीं है कि निगम (corporation) की भूमियों पर लोगों ने कब्जे कर कच्चे-पक्के निर्माण कर लिए हैं।