भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति की राह आसान

  • अब आश्रितों को नहीं लगाने होंगे भोपाल के चक्कर

भोपाल। शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आश्रितों को अब भोपाल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। विभाग में अनुकंपा नियुक्ति की राह आसान हो गई है। शासकीय महाविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े अधिकारी, शिक्षक व कर्मचारियों के आश्रितों को अब अनकुंपा नियुक्ति के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। उन्हें संबंधित महाविद्यालय व क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय में रिक्त पदों पर जिला स्तर पर ही नियुक्ति मिल सकेंगे।
दरअसल उच्च शिक्षा विभाग ने आश्रितों को नियुक्ति के अधिकार क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक व प्राचार्यों को दे दिए हैं। उसके लिए उन्हें अब न तो भोपाल के चक्कर काटने पड़ेंगे और न ही अधिकारियों व बाबुओं की जी- हुजूरी करनी पड़ेगा। विशेष परिस्थितियों में ही प्रकरण भोपाल भेजे जा सकेंगे। इससे पहले उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि एक से डेढ़ महीने के भीतर कॉलेज और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के अकस्मात निधन होने पर उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू की गई है, जो भी उम्मीदवार अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता रखेगी, उन्हें एक से डेढ़ महीने के भीतर अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी।


अनकुंपा नियुक्ति देने में भारी लापरवाही
प्रदेश में आश्रितों को अनकुंपा नियुक्ति देने के मामले में भारी लापरवाही बरती जाती थी। विशेषकर उच्च शिक्षा विभाग में हालात तो और खराब थे। बिना लेनदेन व परेशानी के आश्रितों को नियुक्ति नहीं मिलती थी। पिछले दिनों विभाग के एक ओएसडी अनकुंपा नियुक्ति के प्रकरण में रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए थे, जिन्हें बाद में उन्हें निलंबित कर दिया गया। इस प्रकरण से विभाग की बहुत किरकिरी हुई थी। वहीं शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य से अनुकंपा नियुक्ति के मामले प्राप्त होने के समय कई आश्रितों के नाम में कमियां पाई जाती थीं, जिसकी जांच में अधिक समय लगता है। वहीं कमियों को पूरा करने में सालों लग जाते थे। इसलिए विभाग ने तय किया है कि अब आश्रितों की नियुक्ति प्रकरण को आसानी किया जाएगा। पिछले दिनों विभाग ने चेक लिस्ट में सभी शासकीय कॉलेजों को आश्रितों के नाम सहित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के दिशा निर्देश दिए थे। संलग्न चेक लिस्ट के साथ ही अनुकंपा नियुक्ति का प्रस्ताव उच्च शिक्षा आयुक्त को भेजा गया। जिसके बाद यह आदेश जारी हुए कि प्राचार्य व क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक अपने स्तर पर पद रिक्त होने की दशा में आश्रितों को अनकुंपा नियुक्ति दे सकते हैं।

 

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