- नगर निगम चुनाव में हर दल के उम्मीदवार कर रहे थे घर-घर पीएचई का पानी पहुँचाने का दावा
- सवा लाख घरों में से केवल 60 हजार के यहाँ है नल कनेक्शन
- चुनाव के तीन माह गुजरने के बाद भी नए नल कनेक्शन नहीं बढ़े
उज्जैन (इंदरसिंह चौहान)। करीब चार माह पहले हुए नगर निगम चुनाव के दौरान पार्षद से लेकर महापौर तक के दावेदारों ने शहर की जनता से चुनाव जीतते ही हर घर पीएचई की लाईन और नल कनेक्शन पहुंचाने के दावे किए थे। बावजूद इसके बोर्ड बनने के तीन माह से अधिक समय के बाद भी नए नल कनेक्शन और पीएचई की लाईन नहीं डल पाई है। लोग अब जनप्रतिनिधियों से घर-घर पानी पहुंचाने के वादे पर सवाल पूछ रहे हैं। कुछ माह पहले हुए उज्जैन नगर निगम चुनाव में 54 वार्डों के लिए 179 पार्षद पद के उम्मीदवार चुनाव लड़े थे। इसके अलावा महापौर पद पर भी 5 उम्मीदवार मैदान में थे। प्रमुख पार्टियों ने उस वक्त अपने चुनावी घोषणा पत्र जारी किए थे। निर्दलीय हो या अन्य दलों के उम्मीदवार वार्डों में प्रचार के दौरान हर कोई नागरिकों को घर-घर तक पीएचई की लाईन डालने के वादे वार्ड के मतदाताओं से कर रहे थे। चुनाव परिणाम के बाद नगर सरकार में भाजपा का बोर्ड भी बन गया। इसे अब तक तीन महीने से अधिक का समय भी हो चुका है, लेकिन हकीकत यह है कि आगर रोड एमआर 5 की शारदा होम्स, खंडेलवाल नगर सहित कई कॉलोनियों में कानीपुरा में नई पानी की टंकी बन जाने के बाद भी पीएचई की लाईन नहीं डाली जा सकी है। कॉलोनियों के नागरिक इसके लिए लगातार आवेदन दे रहे हैं। शारदा होम्स कॉलोनी सोसायटी के अध्यक्ष विपिन शर्मा ने बताया कि कॉलोनी में 100 से अधिक परिवारों ने सामूहिक रूप से नल कनेक्शन के लिए आवेदन दे रखे हैं, परंतु अभी तक समस्या नहीं सुलझी है। इधर इंदौर रोड और देवास रोड, मक्सी रोड की दर्जनों कॉलोनियों के अलावा करीब 65 हजार घरों तक अभी भी पीएचई का पानी नहीं पहुँच रहा है। शहर की आधी आबादी बोरिंग और कुओं के भरोसे चल रही है।
6 लाख से अधिक लोगों पर 60 हजार नल कनेक्शन
इधर जमीनी हकीकत यह है कि शहर की साढ़े 6 लाख की आबादी के बीच पीएचई के रिकार्ड में मात्र 60 हजार ही वेध कनेक्शन हैं। पिछले एक दशक से कई बार पीएचई ने अवैध नल कनेक्शन काटने तथा शहर के बढ़ते दायरे के मुताबिक नए उपभोक्ताओं के कनेक्शन वेध करने के लिए दावे तो किए गए लेकिन गंभीर होकर कभी इस काम को पूरा नहीं किया गया। हालत यह है कि 60 हजार रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं से भी पीएचई पूरे साल में जलकर पूरा नहीं वसूल पा रही। कई सरकारी और निजी संस्थान ऐसे भी हैं जिनके पानी के बिल कई सालों से लंबित हैं और लाखों रुपए के हो गए हैं।
इनका कहना है
शहर के नागरिकों तथा वार्ड के पार्षदों की मांग पर क्षेत्रों में पीएचई की लाईन और कनेक्शन पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही पार्षदों का मद भी जारी होगा। इससे सीवेज और पीएचई की लाईन की समस्याओं का तेजी से निदान हो सकेगा। भाजपा बोर्ड अपने वादे पूरे करने के लिए संकल्पित है।
2 शिवेन्द्र तिवारी, एमआईसी सदस्य, प्रभारी सीवरेज व जलकार्य समिति