उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

केडी गेट चौड़ीकरण की आहें भाजपा की हार का कारण बनेगी बस 4 महीने और, फिर महाकाल में सारे दर्शन नि:शुल्क होंगे

  • बागियों से पार पाकर ही कांग्रेस जीत सकती है-पारस जैन को 20 वर्षों से उनके मोहल्ले में हरा रहा हूँ

उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया था कि देश से कांग्रेस को मुक्त करना है, लेकिन उनके अथक प्रयासों के बावजूद लगातार हार रही कांग्रेस बार-बार बड़े राज्यों में जीत जाती है। क्यों? यदि कारण समझना है तो उज्जैन में रवि राय एक उदाहरण है। जमीन से उठे और जमीन पर ही काम करते हुए पूरे शहर का चेहरा बन गए रवि राय की लोकप्रियता को बस इस एक पंक्ति से समझा जा सकता है कि वह अब तक 6 बार नगर निगम का चुनाव लड़े हैं जिसमें से 4 बार पार्टी ने अलग-अलग जगहों से खड़ा कर दिया और वे सब जगह जीतते चले गए। अग्निबाण की अदालत में उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा और भविष्य की योजनाओं पर चुभते सवालों के जवाब भी दिए, त्रुटियाँ भी स्वीकारी और सुधार का वादा भी किया। अब आप पाठकों के हाथ में है कि आगामी विधानसभा चुनाव में रवि राय को उज्जैन उत्तर की कमान सौंपी जानी चाहिए या नहीं?

  • प्र. सबसे पहले तो यह बताइए कि उज्जैन की जनता आपको विधायक क्यों चुने?
    उज्जैन के साथ दुर्भाग्य रहा है कि यहां से जो भी जीतकर विधायक बनता है वह खुद को बहुत बड़ा नेता मान लेता है। वह भोपाल, दिल्ली की राजनीति करता है, कारों से नीचे नहीं उतरता। मैं पिछले 30 वर्षों से केवल अपने वार्ड की नहीं बल्कि पूरे शहर की लड़ाई लड़ रहा हूं। मैं दिन भर टू व्हीलर पर घूमता हूं, लोगों के घरों और गलियों में पहुंच जाता हूं, वार्ड तो ठीक है, सारे शहर से कोई भी आ जाए मैं नगर निगम के उनके सारे काम करवाता हूं। यदि पार्टी ने टिकट दिया और जनता ने जिताया तो पार्षद की तरह पूरे शहर में हमेशा उपलब्ध रहूँगा।
  • प्र. पार्षद के काम के आधार पर आप विधायक बनना चाहते हैं? पूरे शहर के लिए कभी कोई आंदोलन किया आपने?
    सबसे पहले नगर के महाकाल भक्तों को नियमित रूप से दर्शन का अधिकार दिलवाने की पहल मैंने की। 30 वर्ष पहले 250 नियमित श्रद्धालुओं को वार-त्यौहार पर रोक दिया जाता था। मैंने भाजपा की सरकार में बार-बार आवाज उठाकर यह अधिकार दिलवाया। अब उज्जैन के नियमित श्रद्धालुओं को महाशिवरात्रि, नाग पंचमी जैसे पर्व पर भी नियमित दर्शन करने का अधिकार है। इनकी संख्या 3200 पहुँच गई है। उज्जैन में विद्युत वितरण निजी क्षेत्र को दिए जाने पर मीटर जलने और आए दिन विवाद होने पर सबसे पहले मैंने आंदोलन किया। आगर रोड फोरलेन में 40 लोग मारे गए, मैं बार-बार विधायक की लापरवाही के विरोध में सदन में आवाज उठाता और काम को शीघ्र समेटने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाता था।
  • प्र. सामने पारस जैन जैसे 30 वर्षों से काबिज नेता हैं, कैसे सामना करेंगे?
    पारस जी जितने बड़े नेता हैं, उज्जैन के नागरिकों के लिए उतने दुर्लभ हैं। लोगों से पूछ लीजिए कोविड की विपत्ति में जब एक निर्धन आदमी भी दूसरों की मदद कर रहा था तब वह किसी को दिखे भी शहर में? सिंहस्थ और अन्य मदों से होने वाले निर्माण कार्य स्वयं के हिस्से में बताते रहते हैं। न कभी शहर में पुल बनवाया। कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए एक कॉलेज के लिए उन्हें धरना देना पड़ा, इससे बड़ी हंसी की बात और क्या होगी? नमक मंडी से लेकर उत्तम नगर में डाबरी पीठा में वह जहाँ-जहाँ रहे, उनके घर के वार्ड में मैंने चुनाव लड़ कर उनके उम्मीदवारों को हराया। पारस जी को हराने का मुझे 25 वर्षों का अनुभव है।
  • प्र. शहरी क्षेत्र में भाजपा हमेशा से मजबूत रही है। आप कैसे जीतेंगे?
    पारस जी की पूरी टीम मेरे लिए काम करेगी। ब्राह्मण समाज, जैन समाज और वैश्य समाज के सैकड़ों कार्यकर्ताओं से मेरे पारिवारिक रिश्ते हैं। उनके कार्यकर्ता नगर निगम चुनाव में मेरे लिए काम करते हैं और मैं जीतता हूँ। कभी पारस जी अपने वार्ड से भाजपा का उम्मीदवार नहीं जिता पाए।
  • प्र. लेकिन कांग्रेस शहर में गुटों में बंटी हुई है, आप कैसे एक जाजम पर लाएंगे?
    बिल्कुल सही बात है कि मैं भी गुट से ही निकलकर कांग्रेस की राजनीति में आया लेकिन मैं गुट में बंधा नहीं रहा। आज मैं निर्गुट हूँ, केवल कांग्रेस का कार्यकर्ता हूँ। पिछले 30 वर्षों में कांग्रेस का छोटा सा कार्यक्रम भी हो तो मैं मौजूद रहता हूँ। वरिष्ठ नेताओं की पुण्यतिथि या जयंती पर यदि 25 कार्यकर्ता भी हैं, तो मैं वहां अवश्य मिलूँगा। संगठन के लिए खड़ा होना अपना कर्तव्य मानता हूँ।
  • प्र. आपको लगता है आप को टिकट मिला तो पूरी कांग्रेस आपके साथ खड़ी होगी? निपटाने के खेल उत्तर और दक्षिण में बरसों से नहीं चल रहे?
    मैंने सारे शहर अध्यक्षों के साथ काम किया। सत्यनारायण पंवार, बटुक जी, मीणा जी, भारती जी, सोनी जी और अब भदौरिया जी। सभी ने मुझे नगर निगम में नेता पक्ष या प्रतिपक्ष बनाया। इससे अधिक समन्वय का और क्या उदाहरण होगा?
  • प्र. सिंधिया जी के कांग्रेस छोडऩे से उज्जैन में भी पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ। उसकी भरपाई कैसे करेंगे?
    हम और ताकतवर हुए हैं। पहले हमें हर निर्णय से पहले सिंधिया जी से पूछना पड़ता था, इंतजार करना पड़ता था और उनके लोगों को एडजस्ट करना पड़ता था। अब हम स्वतंत्र हैं। गद्दारों के जाने से हम और ताकतवर हुए हैं।
  • प्र. आपने गद्दारों की बात की। 2018 विधानसभा चुनाव में भी सेबोटेज हुआ। कैसे निपटेंगे इस बार?
    यह पार्टी का दायित्व है कि वह गद्दारी करने वालों को टिकट ना दें। उज्जैन जिले से पिछले चुनाव में जयसिंह दरबार, माया त्रिवेदी और दिनेश बोस ने निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के लिए उन्हें शामिल करना पड़ा। आप देखिए कि लोकसभा चुनाव में यह नेता अपनी पोलिंग भी नहीं जितवा पाए और 3.5 लाख वोट से कांग्रेस हारी। क्या उनका जनाधार था?
  • प्र. आपने कहा इतने सारे आंदोलन किए। महाकाल में इतनी अवस्थाएँ चल रही हैं, कहाँ बोले आप?
    भक्त मंडल के नेतृत्व में मैं लगातार व्यवस्थाएँ सुधारने का काम कर रहा हूँ। मंदिर क्षेत्र में ही आंदोलन करके हम दर्शनार्थियों की मुसीबत नहीं बढ़ाना चाहते। मैं सकारात्मक राजनीति में विश्वास रखता हूँ। जहाँ तक दर्शन पर शुल्क का सवाल है, सिर्फ 4 महीने रुकिए। कांग्रेस की सरकार आएगी तो महाकाल मंदिर में दर्शन पर लगे सारे शुल्क हटा दिए जाएँगे। यह मेरा संकल्प भी है और वादा भी।
  • प्र. कांग्रेस में बीते कुछ वर्षों से ब्राह्मण कैंडिडेट को टिकट देने की बात चल रही है। जातिगत समीकरण कैसे साधेंगे?
    उज्जैन उत्तर ब्राह्मण बहुल है ही नहीं। आप देखिए 1990 से भाजपा और कांग्रेस उज्जैन दक्षिण में ब्राह्मण कैंडिडेट दे रही है। महावीर प्रसाद वशिष्ट हों, प्रीति भार्गव हों, राजेंद्र वशिष्ठ हों, योगेश शर्मा चुन्नू हों या शिवनारायण जागीरदार हों, दोनों दलों ने दक्षिण से ब्राह्मण कैंडिडेट चुने हैं। क्यों? क्योंकि सिंहपुरी और भागसीपुरा आधे खाली होकर दक्षिण में शिफ्ट हुए हैं। इसलिए ब्राह्मण कैंडिडेट की मांग उत्तर में बनती ही नहीं।
  • प्र. लेकिन उज्जैन उत्तर में सवर्णों की बड़ी आबादी है जो भाजपा का कोर वोटर है।
    अरे साहब मैं 6 चुनाव, अग्रवाल जैन, ब्राह्मण और माहेश्वरी बहुल वार्डों से ही जीता हूँ। मैंने गोपाल कसेरा, संजय राव, अंतू राणा, राजेश बोराना, अशोक देवड़ा को सवर्ण वार्डों से ही हराया। मेरा मानना है जाति वहाँ काम नहीं करती जहां निष्क्रिय बड़े नेता के सामने कड़ी मेहनत करने वाला कार्यकर्ता खड़ा हो।

रवि राय : एक परिचय

  • जन्म वर्ष 1967 (56 वर्ष)
  • स्कूल में स्काउट एवं गाइड से जुड़े तो सेवा का महत्व समझा। कॉलेज के शुरुआती दिनों में ही बाबा आमटे की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ गए। एसएन सुबाराव जी के साथ काम किया। 1980, 1992 के सिंहस्थ में स्काउट और सेवादल के कैंप में एवं 2004 के सिंहस्थ में नगर निगम की समिति के अध्यक्ष के रूप में सार्वजनिक स्वच्छता और शौचालय का चुनौतीपूर्ण काम संभाला।
  • सबसे पहले 1995 में भागसीपुरा से चुनाव जीते। वर्ष 2000 में नमक मंडी से, 2005 में सुदामा नगर से, 2010 में हीरा मिल की चाल से और अभी 2022 में दोबारा उसी वार्ड से पार्षद निर्वाचित।
  • 2003 में नगर निगम में नेता पक्ष रहे, 2005 तथा 2012 में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए।
  • 2018 में शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष। वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष।
  • 30 वर्षों से महाकाल के दैनिक दर्शनार्थी, शहर की 75 संस्थाओं से सीधे जुड़े हुए।

आप खुद में कौन सी एक अच्छाई देखते हैं जो जनता के काम आए?
मैं मुद्दे उठाने में भयभीत नहीं होता। महाकाल लोक का मुद्दा शहर कांग्रेस अध्यक्ष के साथ सबसे पहले मैंने उठाया। सिंहस्थ जमीन आवासीय करने का विरोध मैंने किया, मंत्री यादव के विरुद्ध माधव कॉलेज की जमीन बेचने के लिए आंदोलन मैंने चलाया और उन्हें निर्णय वापस लेना पड़ा। उन्होंने महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी के विरुद्ध ट्विटर पर टिप्पणी की तो सबसे पहले मैंने विरोध किया, उनका पुतला जलाया और कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज करवाने भी पहुँच गया। उन्हें ट्वीट वापस लेना पड़ा। इसलिए मैं भयभीत हुए बिना अपनी बात रखता हूँ चाहे सामने कोई बाहुबली हो या कोई भी हो।

केडी गेट चौड़ीकरण में मुआवजा देना था-भाजपा ने बड़ा पाप कर दिया
राय का स्पष्ट मानना है कि केडी गेट से नयापुरा तक चल रहे चौड़ीकरण में भाजपा ने शहर की जनता के साथ छल किया है। उनके मुताबिक हर बार मुआवजा दिया जाता है। नगर निगम में वर्तमान नियमों से मुआवजा दिया जा सकता था, क्योंकि भुगतान सरकार को करना था। भाजपा ऐसा जता रही है जैसे उसकी जेब से पैसे जा रहे हों। बारिश में लोग परेशान होंगे, लोगों के घरों में अंधेरा है। चार-चार फीट के ओटले बच रहे हैं टूटने के बाद। उसमें कोई रह सकता है क्या? मकान की ऊँचाई बढ़ा दी लेकिन जमीन तो बची नहीं। बेघर औरत और बेरोजगार लोगों की आहें भाजपा को भुगतनी पड़ेगी।

श्रावण में ओम नम: शिवाय जप यात्रा
राय 2017 से पूरे श्रावण माह में ओम नम: शिवाय जप यात्रा निकाल रहे हैं। इसमें उनका म्यूजिकल ग्रुप लोगों के घरों पर जाकर सामूहिक जप करता है। सवा घंटे में एक व्यक्ति 5 हजार जाप करता है। इस बार श्रावण 2 होने से यह यात्रा 60 दिनों तक चलेगी। प्रतिदिन 3 परिवारों में जाकर जप किया जाएगा। पंवार आदि उपस्थित थे। जानकारी देवीसिह पंवार ने दी।

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