- जेल डीजी ने कहा जाँच के बाद जिम्मेदार अधिकारियों के नाम बढ़ सकते हैं एफआईआर में-अग्रिबाण ने दी थी सबसे पहले खबर
- आज दूसरे दिन संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों के बयान दर्ज होंगे-कल भोपाल में रिपोर्ट देंगे
उज्जैन। यह हमारी व्यवस्थाओं के हाल हैं कि वर्षों तक करोड़ों रुपए जेल कर्मचारियों के खातों में से निकाले जाते रहे और किसी को खबर नहीं लगी। अग्रिबाण ने 4 दिन पूर्व इस पूरे मामले का खुलासा किया था और इसी पृष्ठ पर प्रमुखता से खबर लगाई थी। इसके बाद पूरा तंत्र हरकत में आया और जेल विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जेल में लगभग 14 करोड़ के गबन के मामले की जाँच करने के लिए जेल डीजी अरविंद कुमार ने एक जाँच टीम गठित की है जिसमें डीआईजी मंशाराम पटेल एवं अन्य सदस्य हैं। कल यह टीम शाम को भैरवगढ़ जेल पहुँची। टीम ने देर रात तक घोटाले से संबंधित दस्तावेजों और रजिस्टर को देखा और पूरा रिकार्ड जप्त किया। आज सुबह से जाँच की टीम संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों के बयान दर्ज करेगी और एक रिपोर्ट तैयार करेगी। यह रिपोर्ट भोपाल डीजी जेल को पेश की जाएगी। इधर डीजी जेल अरविंद कुमार ने बताया जाँच के बाद जिन भी अधिकारी-कर्मचारियों की इस मामले में संलिप्तता मिली तो संबंधित का नाम दर्ज एफआईआर में बढ़ाया जाएगा और उन पर मुकदमा कायम किया जाएगा।
जेल में हड़कंप, घोटाला करने वाला भाग गया
पिछले कई सालों से घोटाला और गबन कर रिपुदमन सिंह रघुवंशी जेल प्रहरियों के खाते में से धोखाधड़ी पूर्वक करोड़ों रुपए निकाल चुका था। शुक्रवार की शाम को उसे जब यह बात पता चल गई थी तो उसने खूब शराब पी और कार्यालय पर आकर जेल प्रहरिहों के सामने रोया भी, इसके बावजूद जेल अधीक्षक ने इस अकाउंटेंट को नजरबंद नहीं किया। इसका परिणाम यह निकला कि अगले दिन अकाउंटेंट रघुवंशी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ निजी कार में घर पर ताला डालकर भाग गया। अब इधर पुलिस एफआईआर बयान और आदि दर्ज कर रही है। इतने में धोखाधड़ी करने वाला रिपुदमन सिंह रघुवंशी दूसरे प्रदेशों में पहुंच चुका होगा और पुलिस के हाथ आसानी से नहीं आएगा।
जिनका पैसा गायब हुआ है वे जेल कर्मी करेंगे रिपोर्ट
जेल कर्मचारियों के भी खाते में से पिछले कई सालों से धोखाधड़ी पूर्वक अकाउंटेंट रिपुदमन सिंह रघुवंशी ने राशि निकाली। जेल के कई कर्मचारी तो इसलिए आश्वस्त थे कि उनके खाते में ज्यादा पैसा नहीं है, क्योंकि रिपुदमन सिंह रघुवंशी उन्हें जब वे खाते से पैसा निकलवाने जाते थे तो उन्हें बताता था कि आपके खाते में ज्यादा पैसा नहीं बचा है लेकिन इस गबन कांड के बाद जब कल विभिन्न जेल कर्मचारियों ने अपने-अपने खातों की पड़ताल की तो सभी के खाते उनकी राशि बाहर होने के बाद माइनस दर्ज थे। अब ऐसे में शासन को रिपुदमन सिंह ने दोहरा चूना लगाया है। एक तो संबंधित जेल कर्मचारी की जमा राशि उसे देना पड़ेगी और दूसरा जो राशि अधिक बताकर रिपुदमन सिंह ने निकाल ली है वह भी शासन को ही भुगतना पड़ेगी। लुटे पिटे जेल कर्मचारियों ने कल अपने-अपने खाते देखकर एक सूची बनाई इसमें कल तक 30 से अधिक नाम सेंट्रल जेल भैरवगढ़ में पदस्थ जेल कर्मचारियों के हैं जिनके खाते से करोड़ों रुपए निकाल लिए गए हैं। इन सबका भी आवेदन भैरवगढ़ थाने में जा रहा है। Share: