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दिल्ली पुलिस के हत्‍थे चढ़े आतंकियों के थे खतरनाक मंसूबे, 26/11 से भी बड़े अटैक का था प्लान

नई दिल्‍ली (New Delhi) । दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) के हत्थे चढ़े तीन आतंकियों (three terrorists) से कई अहम खुलासे हुए हैं। मुख्य आरोपी शाहनवाज (Shahnawaz) साथियों के साथ दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) समेत उत्तर भारत की 18 जगहों पर रेकी कर चुका था। उसे सीमापार से निर्देश था कि बड़े पैमाने पर ब्लास्ट कर तबाही मचानी है। आईएस के इस पुणे मॉड्यूल में नौजवानों को भर्ती करने से लेकर उन्हें विस्फोटक तैयार करने और उसे ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही थी।

जांच से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस आतंकी मॉड्यूल ने न सिर्फ केमिकल के जरिये बम बनाए, बल्कि पुणे के जंगलों में इसे ब्लास्ट कर ट्रायल भी किया था। इनके निशाने पर देश के कई भीड़भाड़ और वीआईपी इलाके थे। शाहनवाज के ठिकाने से भारी मात्रा में लिक्विड केमिकल बरामद किया गया है, जिसका इस्तेमाल इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने में करने वाले थे। सेल के अधिकारियों के मुताबिक इन्हें आईईडी बनाने में महारथ हासिल है। ये बड़ी आसानी से बम बना लेते हैं।

नए लोगों से हो रही पूछताछ
आतंकी मॉड़्यूल में भर्ती किए गए कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इनकी भूमिका भी शक के दायरे में है। पुलिस को यह सूचना मिली है कि इन्हें भी ब्लास्ट के लिए कुछ टास्क दिए गए थे। हालांकि, क्या टास्क दिए गए थे, फिलहाल इसकी पूछताछ की जा रही है। इन्हें कब और किसने मॉड्यूल से जोड़ा? पुलिस इस बारे में पूरी चेन को खंगाल रही है।


पुणे पुलिस और एनआईए ने की छापेमारी
पुणे पुलिस और एनआईए की टीमों ने कुछ दिन पहले ही आतंकियों की तलाश में राजधानी के मध्य दिल्ली और दक्षिण पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में छापेमारी की थी। पिछले कुछ दिनों से एनआईए दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी समेत कई राज्यों में लगातार छापेमारी कर रही है। इस दौरान कुछ जगहों से एनआईए की टीमों ने हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया है।

कई जगह ट्रेनिंग कैंप बना रखे थे
स्पेशल सीपी ने खुलासा किया कि इन आरोपियों ने देश के विभिन्न इलाकों में कई जगहों पर ट्रेनिंग कैंप बना रखे थे। ये इन कैंप में ये जहां भर्ती किए गए लोगों को प्रशिक्षण देते थे, वहीं आईईडी ब्लास्ट का ट्रायल भी करते थे। इसके बाद सीमापार में बैठे अपने आकाओं को इसकी रिपोर्ट देते थे। इन्हें पूरा सामान स्थानीय जगह से लेने के निर्देश दिए गए थे।

शाहनवाज चैट ऐप्लीकेशन से पाक में आकाओं से करता था बात
शाहनवाज पाकिस्तान के अपने आकाओं को इंटरनेट कॉलिंग या चैट ऐप्लीकेशन के जरिये संपर्क करता था, लेकिन अपने कई करीबी लोगों से वह सीधे मोबाइल पर ही बात करता था। उसके फोन की कॉल डिटेल रिकॉड (सीडीआर) की जांच में कुछ ऐसे ही संदिग्ध नंबरों का पता चला है।

बेंगलुरू से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई
शाहनवाज ऊर्फ शैफी झारखंड के हजारीबाग जिले के पेलावल इलाके का रहने वाला है। पेलावल शहर से सटा हुआ इलाका है। वह मूलरूप से चतरा जिले का रहने वाला है। उसने बेंगलुरु से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। शाहनवाज के पिता हजारीबाग के एक उर्दू मीडिल स्कूल से प्रधानाध्यापक पद से रिटायर्ड हैं। उनके जानने वाले कहते हैं कि वह सीधे-सादे व्यक्ति हैं।

तीनों इंजीनियर
शाहनवाज उर्फ शैफी उज्जमा
आरोपी शाहनवाज हजारी बाग का रहने वाला है और वह पूरी तरह रेडिक्लाइज है। पेशे से माइनिंग इंजीनियर है। इसने प्रतिष्ठित विशेश्वरैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से माइनिंग की पढ़ाई की है। इसके चलते उसे ब्लास्ट की अच्छी जानकारी थी। इसने बम बनाने के कई प्रयोग किए, उसे इंटरनेट का बहुत अच्छा ज्ञान था।

मोहम्मद अरशद वारसी
पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद अरशद वारसी भी झारखंड का रहने वाला है। इसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की है और अभी जामिया से पीएचडी कर रहा है।

मोहम्मद रिजवान
आरोपी मोहम्मद रिजवान मौलाना है और वह उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है। इसने गाजियाबाद से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है, अभी प्रयागराज में रह रहा था।

26/11 से बड़ी क्षति पहुंचाना चाहते थे
आतंकियों के निशाने पर कुछ प्रमुख मंदिर और अन्य स्थान थे। सूत्रों के मुताबिक, इसमें सबसे प्रमुख स्थान मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित चाबड़ हाउस और प्रमुख मंदिर में अयोध्या का राम मंदिर निशाने पर था। कोलाबा स्थित चाबड़ हाउस पर 26/11 में भी आतंकी हमला हो चुका है। बताया जा रहा है कि आतंकी 26/11 से भी बड़ा नुकसान पहुंचाना चाहते थे। तीनो आतंकी गुजरात में अक्षरधाम मंदिर पर आतंकी हमले के मास्टरमाइंड भगोड़े फरतुल्लाह गौरी और उसके दामाद शाहिद फैसल के संपर्क में थे जो कि पाकिस्तानी खुफिया इकाई आईएसआई की सरपरस्ती में रहते हैं।

इन जगहों की रेकी
आरोपियों ने लवासा महाबलेश्वर, गोवा, हुबली, कर्नाटक में सरस्वती वन्यजीव क्षेत्र, उडुपी, केरल, वलसाड वन्यजीव अभयारण्य, नल्लामाला पर्वत श्रृंखला, चंदौली का दौरा किया। शाहनवाज ने आईईडी लगाने और टार्गेट किलिंग के लिए मुंबई, सूरत, वडोदरा, गांधीनगर और अहमदाबाद में भीड़भाड़ वाले स्थानों, मजार/दरगाह, वीआईपी नेताओं के मार्गों जैसे क्षेत्रों की रेकी कर ब्लास्ट करने की संभावना का पता किया। फरारी के दौरान दिल्ली में भी आईईडी बनाई। बम बनाने के बाद इसने दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड के हलद्वानी में कई जगहों पर उसका टेस्ट किया।

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