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ग्रामीणों को मार रही महंगाई की डायन, कई जरूरी चीजों के दाम गांवों में शहरों से ज्‍यादा

देश में अक्टूबर महीने में महंगाई गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा रही है, लेकिन बावजूद इसके गांवों में कई जरूरी चीजों के दाम शहरों के मुकाबले काफी ज्यादा हैं। इनमें खाने पीनी की चीजों से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल की भी वस्तुएं शामिल हैं। साथ ही देश के कई राज्यों में राष्ट्रीय औसत से महंगाई दर ज्यादा नजर आ रही है।

आंकड़ों के मुताबिक, देश के ग्रामीण इलाकों की महंगाई दर 4.07 प्रतिशत तो वहीं शहरी क्षेत्र में ये आंकड़ा 5.04 फीसदी पर रहा है। इनमें कई जरूरी और खाने पीने से जुड़ी चीजें जैसे अनाज और उससे जुड़े उत्पाद, मांस और मछली, अंडे, तेल और घी, दालें, चीनी, मसाले और कपड़े-चप्पल के दाम पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़े हैं।

परिवहन खर्च बढ़ा रहा महंगाई
विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई सीधे तौर पर मांग और आपूर्ति के हिसाब से बढ़ती घटती रहती है। साथ ही आज के दौर में ट्रांसपोर्टेशन भी दाम बढ़ाने में योगदान देता है। ग्रामीण इलाकों में सामान पहुंचाना, शहरी इलाकों की तुलना में ज्यादा खर्चीला हो जाता है।



महंगाई में फिर उछाल
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Implementation) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले इस साल उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई दर तो घटी है लेकिन सितंबर महीने के मुकाबले इसमें इजाफा देखा गया है। सितंबर में 4.35 के मुकाबले अक्टूबर में महंगाई दर 4.48 प्रतिशत पर है। वहीं पिछले साल ये आंकड़ा 7.61 फीसदी पर था।

उत्तर प्रदेश का हाल
राजधानी लखनऊ में दाल और तेल के दाम में मामूली गिरावट आई है, लेकिन टमाटर (Tomato) और आलू सहित अन्य सब्जियों के दाम चढ़े हुये हैं। दालों की कीमतों मे मामूली गिरावट आई है। प्रदेश के बहराइच जिले में शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। बहराइच (Bahraich) के ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदारों का कहना है कि वे लोग शहर से माल उठाते हैं। वहां से गांव तक पहुंचाने में भाड़ा, खर्चा बढ़ने से दाम बढ़े हैं। अयोध्या जनपद में शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई में काफी इजाफा हुआ है। वहां टमाटर 90 रुपये किलो तक बिक रहा है। सीतापुर में महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण माल ढुलाई के भाड़े में बढ़ोतरी है। लोग इसे तेल की बढ़ती कीमतों से जोड़ रहे हैं। थोक की मण्डी से जिले की फुटकर मण्डियों तक पहुंचने के बाद तीन माह में दालें 15 फीसद महंगी हुई हैं। सीतापुर में हरी मिर्च और हरी धनिया के भाव तीस प्रतिशत बढ़े हैं। चप्पल और जूते में पन्द्रह से तीस प्रतिशत मूल्य बढ़े हैं। गोंडा में चावल, घी, मसाले भी शहरों की अपेक्षा गांवों में महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं। मुरादाबाद (Moradabad) में गांवों की दुकानों में शहर की तुलना में दाल, चावल, घी, तेल, मसाले आदि के रेट 10 से 20 फीसदी तक अधिक हैं। वह भी तब तक इन सामानों की गुणवत्ता में भी अंतर है।

चीजें ग्रामीण महंगाई शहरी महंगाई

अनाज और उत्पाद 0.48 0.27

मांस और मछली 7.42 6.60

अंडे -0.87 -2.20

तेल और घी 36.66 27.90

दालें 6.03 4.16

चीनी 5.83 4.52

मसाले 5.31 3.28

कपड़े-चप्पल 8.23 6.38

राज्यवार महंगाई के आंकड़े

राज्य महंगाई

दिल्ली 6.15%

हरियाणा 5.32%

उत्तराखंड 4.61%

बिहार 2.24%

झारखंड 2.68%

उत्तर प्रदेश 4.44%

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