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सोने के जेवर खरीद की सोच रहे हो तो सावधान, हॉलमार्किंग में भी फर्जीवाड़ा; ऐसे करें असली-नकली की पहचान

नई दिल्‍ली (New Dehli) । लग्न (Ascendant)के लिए बाजार तैयार है। सोने के आभूषण (jewelery)की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हॉलमार्किंग (hallmarking)की व्यवस्था बीते वर्ष लागू (Applicable)की गई। अब इसमें भी छेड़छाड़ (Molestation)की शिकायतें मिलने लगी हैं। कुछ लोग हॉलमार्किंग में भी फर्जीवाड़ा करने लगे हैं। नकली हॉलमार्किंग कर चिह्न लगाकर खराब गुणवत्ता के सोने को खपाया जा रहा है। भारत मानक ब्यूरो (बीआईएस) को भी इस संबंध में शिकायतें मिलने लगी हैं। बीआईएस बिहार प्रभारी एसके गुप्ता के मुताबिक फर्जी हॉलमार्किंग वाले आभूषण कुछ दिनों पहले पटना की दो सर्राफा दुकानों से पकड़े गए थे।


इसके अलावा नालंदा में भी बीआईएस की टीम ने कार्रवाई करते हुए आभूषणों और मशीनों को जब्त किया है। आभूषणों पर नकली हॉलमार्किंग चिह्न लगाना गैर कानूनी है। ऐसा करने पर एक लाख रुपये का न्यूनतम जुर्माना लगाया जा सकता है। एक वर्ष की सजा भी हो सकती है। नकली हॉलमार्किंग की शिकायतों में बीते कुछ महीनों में इजाफा हुआ है। ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा बताते हैं कि बाजार में दो-ढाई प्रतिशत आभूषणों में इसकी शिकायत की आशंका है।

आमतौर पर लग्न में राजधानी का सर्राफा बाजार दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का होता है। ऐसे में प्रत्येक लग्न में चार से पांच करोड़ रुपये के गुणवत्ताहीन सोने के आभूषणों बेचे जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि बाजार में बिक रहे हॉलमार्किंग आभूषणों में नकली हॉलमार्किंग का अनुपात लगातार बढ़ रहा है।

बेचते समय पता चलता है

खरीदार हॉलमार्किंग का केवल चिह्न देखकर खरीदारी कर रहे हैं। आभूषणों पर बना हुआ चिह्न असली है या नकली इसकी पहचान खरीदारी के समय नहीं करते। इसका लाभ नकली हॉलमार्किंग आभूषण बेचने वाले कारोबारी उठाते हैं। नकली हॉलमार्किंग का खुलासा अक्सर बेचने के समय होता है। अपने आभूषण बेचने वाले कई ग्राहकों ने बीआईएस और सर्राफा संगठनों से इस संबंध में शिकायतें की हैं।

ऐसे करें गहनों की जांच

हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन यानी एचयूआईडी 6 डिजिट का एक यूनिक अल्फा न्यूमेरिक कोड है। प्रत्येक आभूषण पर एक अलग एचयूआईडी नंबर देने का प्रावधान है। सोने की शुद्धता जांचने के लिए गूगल प्ले स्टोर से बीआईएस केयर एप डाउनलोड करना होगा। इसमें वेरिफाई एचयूआईडी सेक्शन में जाकर अपना एचयूआईडी नंबर डालकर आभूषण की गुणवत्ता, निर्माण आदि से जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं।

पटना में 15 हॉलमार्किंग केंद्र

पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार कहते हैं कि एचयूआईडी वाले आभूषणों को खरीदते समय इसकी जांच ऑनलाइन करनी चाहिए। पटना जिले में आभूषणों की एक हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी दुकानें है। यहां सोने के आभूषणों पर एचयूआईडी देने के लिए बीआईएस से निबंधित 15 हॉलमार्किंग सेंटर हैं। बिना हॉलमार्किंग गहने नहीं बेचे जा सकते हैं।

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