ब्‍लॉगर

ये पॉलिटिक्स है प्यारे

गोलू की ताकत से पार्षदों को सहारा मिला
विधायक गोलू शुक्ला का एक अलग ही रुतबा है, ये सब जानते हैं। गोलू ने भाजपा की राजनीति और विशेषकर 3 नंबर की राजनीति में अपनी गहरी पैठ बनाना शुरू कर दी है। शुरुआत में उन्होंने अपने 3 पार्षदों को झोन अध्यक्ष बनवाया। इनमें गजानंद गावड़े, मृदुल अग्रवाल और रूपा पांडे शामिल हैं। महापौर के सामने भी गोलू इन्हें अध्यक्ष बनवाने पर अड़े रहे। वैसे गोलू की एक अलग ही छवि है और वे इसी छवि को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। शनिवार को जब उनके कार्यकर्ताओं ने बताया कि झोनल अधिकारी नदीम खान द्वारा कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी गई तो उन्होंने खुद आगे होकर कहा कि हम सबको ठीक करने में सक्षम हैं। गोलू के तेवर देख महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी भांप गए कि झोनल अधिकारी को नहीं हटाया तो कुछ गड़बड़ न हो जाए और रात तक कमिश्नर को झोनल अधिकारी को हटाने के आदेश जारी करना पड़े।


सांसद की बढऩे लगी सक्रियता
सांसद शंकर लालवानी को टिकट मिलेगा या नहीं, इसको लेकर उनके ही लोग असमंजस में हैं। हालांकि लालवानी सबको दिलासा दे रहे हैं कि टिकट उनको ही मिलेगा, क्योंकि वे पिछली बार रिकार्ड तोड़ मतों से जीते थे। अब लालवानी को कौन समझाए कि ये वोट तो मोदीजी के नाम पर आए थे। खैर सांसदी के 5 साल के कार्यकाल में लालवानी अपने समर्थकों की संख्या में ज्यादा इजाफा नहीं कर पाए। उन्हें नजदीक से देखने वाले कह रहे हैं कि नेताजी अब सक्रियता बढ़ाने लगे हैं और भाजपाइयों की पूछ-परख उनके बंगले पर बढऩे लगी है। इसे चुनाव का असर ही कहा जाएगा कि हर कार्यक्रम में वे नजर आने लगे हैं। कल उन्होंने खेल प्रतियोगिता रख खेलप्रेमियों को भी प्रभावित करने की कोशिश की।


सत्तू की गांधी परिवार से नजदीकी
सत्यनारायण पटेल की सक्रियता एक बार फिर नजर आने लगी है। फिलहाल उन्हें उत्तरप्रदेश में राहुल गांधी की न्याय यात्रा को लेकर बुलाया गया था और अब सत्तू का नाम लोकसभा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस से सामने आ रहा है। इस मामले में सत्तू ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन यह माना जा रहा है कि सत्यनारायण पटेल को गांधी परिवार से नजदीकी का फायदा उनकी उम्मीदवारी के रूप में मिल सकता है। वैसे दावेदार और भी हैं, लेकिन कांग्रेस की ओर से जेब में हाथ डालने वाला दावेदार चाहिए और सत्यनारायण पटेल के अलावा दूसरा कोई नजर नहीं आ रहा। आने वाले दिनों में जल्द ही पता चल जाएगा कि कांग्रेस इस बार का दूल्हा किसे बना रही है?


कमलनाथ ने करा दी इंदौरी नेताओं की किरकिरी
कमलनाथ के भाजपा में जाने की अफवाह भले ही उड़ी हो, लेकिन इसके कारण उनके समर्थक अब बोलने से चूक नहीं रहे हंै कि नाथ ने उनकी किरकिरी करवा दी। दरअसल अब जब कांग्रेस नेता किसी आयोजन में भाजपा नेताओं के आमने-सामने होते हैं तो कांग्रेसियों की फिरकी लेना नहीं भूलते और पूछ बैठते हैं कि हमारी पार्टी में कब आ रहे हो। इसको लेकर कांग्रेसी झेंप जाते हंै। कमलनाथ एपिसोड के चलते वे कांग्रेसी ज्यादा निशाने पर हैं, जो भाजपा में जाने का सपना पाले हुए थे और पिछले 19 साल से कांग्रेस सरकार प्रदेश में नहीं होने की टीस इनको परेशान कर रही थी। बताया जाता है कि भाजपा में जाने के समीकरण भी बनने लगे थे, लेकिन बाद में सबकी हवा निकल गई। अब वे ही कह रहे हैं कि पहले ही कांग्रेस की हालत खराब है और ऐसे में कमलनाथ एपिसोड ने उन्हें मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा। बड़े स्तर पर इसके पीछे की कहानी कुछ भी हो, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस नेताओं की चाशनी तो ले ली है।

भाजपा में इन दिनों दो नामों पर खूब सस्पेंस बना हुआ हैं। दोनों ही उस संगठन से ताजे-ताजे आए हैं और जहां भी भाजपा की मीटिंग या कार्यक्रम होता है तो बिना पद उन्हें मंच पर कुर्सी मिल जाती है। एक भाईसाब का जलवा तो इंदौरी देख चुके हैं और दूसरे का देखने की तैयारी हैं। दबी जुबां में दोनों भाईसाब का विरोध हो रहा है कि अगर ये ही सब कर लेंगे तो दरी बिछाने वाले नेताओं की क्या जरूरत? हालांकि ये आवाज ज्यादा ऊपर तक नहीं जा रही है, क्योंकि ज्यादा जोर से बोलना मतलब संगठन के निशाने पर आ जाना और यूं भी दोनों भाईसाब के दिल्ली और भोपाल में अच्छे संपर्क है।
-संजीव मालवीय

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