ब्‍लॉगर

ये पॉलिटिक्स है प्यारे

भरा रहने वाला दीनदयाल भवन सूना हो गया
पिछले दो सप्ताह से दीनदयाल भवन (Deendayal Bhavan) सूनसान है और वे ही इक्का-दुक्का चेहरे नजर आ रहे हैं जो प्रतिदिन आते हैं। कारण निगम चुनाव (Corporation Election) का टलना है और उससे बड़ी बात नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे (Gaurav Ranadive) का कार्यालय नहीं आना है। रणदिवे अपने पीए के पॉजिटिव (Positive) आने के बाद क्वारेंटाइन हो गए थे और सावधानी बतौर नहीं आ रहे हैं, लेकिन अब एक या दो दिन में वे फिर से कार्यालय में नजर आएंगे। वहीं दूसरी ओर जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर (Rajesh Sonkar) भी अपने कार्यालय का नवीनीकरण करवा रहे हैं और कार्यालय के बजाय गांवों में ही घूम रहे हैं। कार्यालय सूनसान हो गया है। एक तरह से भाजपा की गतिविधि ही ठप-सी नजर आ रही है। बोला जा रहा है कि ये सन्नाटा अब दूर होने वाला है और कार्यालय में रौनक लौटने वाली है। चुनाव तो टल गए हैं, लेकिन कोरोना की रोकथाम को लेकर अब प्रदेश संगठन ने जिलाध्यक्षों को नई जवाबदारी सौंपी हैं, जिससे एक बार फिर भाजपा सडक़ पर नजर आने वाली है।


बंगाल जाना है कैलाशजी बुला रहे हैं
जब भी किसी राज्य में चुनाव होता है और इंदौरी नेताओं को जवाबदारी मिलती है तो प_ों के चेहरे भी चमक जाते हैं। इंदौर में अभी निगम चुनाव है नहीं और भिया लोगों में चर्चा चल पड़ी है कि बंगाल जाना है। बस कैलाशजी का इशारा चाहिए। हालांकि जा कोई नहीं रहा है। दूसरे प्रदेशों के शहरों की तरह बंगाल में प्रचार करना आसान नहीं है, क्योंकि भाषा भी अलग है और लोग भी अलग। जिस तरह से वहां माहौल बिगड़ा है, उससे किसी का चेहरा जाने लायक नहीं दिख रहा।
कई वार्डों में पक रही हंै चुनावी रंजिशें
4 और 1 नंबर विधानसभा में तो भाजपा (BJP) के ही दो गुट आपस में भिड़ गए थे। अब ये लड़ाई 2 नंबर विधानसभा में पहुंच गई और वहां कांग्रेस-भाजपा के दावेदार नेता आपस में भिड़ लिए। लड़ाई श्रेय और वार्ड में वर्चस्व की ही है और दोनों ही चुनाव लडऩा चाहते हैं। इसी को लेकर विवाद हुआ और मामला थाने तक पहुंच गया। अब ये लड़ाई चुनावी रंजिश में पहुंच गई है और बड़े नेताओं को भी इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। वैसे चुनाव अभी दूर है और ऐसी लड़ाइयां और भी हो सकती हैं।


कांग्रेसियों ने भी उड़ाया कोरोना का मजाक
कांग्रेस (Congress)  बार-बार भाजपा (BJP) और प्रदेश सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर घेरती रहती है, लेकिन कांग्रेसी और मंत्री रहे नेता भी लोकतंत्र सम्मान दिवस पर कोरोना का मजाक उड़ाते नजर आए। गांधी भवन में कार्यक्रम रखा था। वहां न कोई सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing)  थी और न ही मास्क पहने नेता नजर आ रहे थे। अब कोरोना नेता और आम जनता को देखकर अपना शिकार तो नहीं बनाता। जो उसके बीच में आया, उसने उसको चपेट में ले लिया और संक्रमित कर दिया। वैसे नेता हैं कि मानते नहीं, चाहे वो कांग्रेसी हों या भाजपाई।
उज्जैन जाकर हुई कांग्रेसी की शिकायत
कांग्रेस (Congress)  के एक पूर्व पार्षद की शिकायत करने कुछ लोगों को उज्जैन जाकर मुख्यमंत्री से मिलना पड़ा। दरअसल कांग्रेस के एक पूर्व मुस्लिम पार्षद ने एक कालोनी काटी और उसमें प्लाट को लेकर लोगों का हक मारा। हालांकि शिकायत करने वालों में पूर्व पार्षद के ही समाजजन ज्यादा हंै। शिकायत हो गई है, लेकिन जिस तरह से इंदौर में भूमाफियाओं के खिलाफ मुहिम चल रही है, उसमें अभी तक इस शिकायत का असर नजर नहीं आ रहा है। फिर भी पीडि़त इंतजार में हैं कि दूसरों की तरह इस पर भी कार्रवाई होगी।


सालभर के बाद भोपाल के राजनीतिक गलियारों से खबर आ रही है कि कांग्रेस (Congress) से भाजपा  (BJP)में आए नेताओं के अच्छे दिन आने वाले हैं और भाजपा संगठन इन्हें पार्टी में या सरकार में कहीं न कहीं एडजस्ट करने की तैयारी कर रहा है। इनमें इंदौर के दो नेताओं के नाम भी शामिल हैं, जो महाराज के खास हैं। -संजीव मालवीय

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