ब्‍लॉगर

ये पॉलिटिक्स है प्यारे


मंत्रालय में नजर आते हैं मंत्रीजी के ‘भाईसाब’
आजकल प्रदेश के एक मंत्रालय में ‘भाईसाब’ का बोलबाला है । इंदौर से जुड़े एक मंत्रीजी के बड़े भाई इन दिनों वल्लभ भवन में अधिकारियों के बीच नजर आ रहे हैं। पहले ये भाईसाब विधायकी कार्यकाल में कार्यालय का कामकाज देखते थे। चंूकि विधायक अब मंत्री हैं, इसलिए ‘भाईसाब’ का रूतबा भी बढ़ा हुआ है। ‘भाईसाब’ इंदौर की बजाय अब भोपाल में ज्यादा नजर आते हैं और मंत्रीजी से कोई काम भी हो तो पहले ‘भाईसाब’ से मिलना पड़ता है। इस मंत्रालय से आम लोगों का वास्ता कम पड़ता है, लेकिन अब पडऩे लगा है। वैसे अब मंत्रीजी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में ध्यान देना शुरू कर दिया है। इसलिए वे इंदौर में रहने के दौरान अपने क्षेत्र में जाना नहीं भूलते। नुकता-घाटा हो या फिर शादी-ब्याह, न चाहते हुए भी मंत्रीजी को जाना पड़ता है।


सीएम को लू लगी थी या कुछ और था
ऑटो एक्सपो के शुभारंभ में मुख्यमंत्री नहीं आए तो दूसरे दिन आ गए और शो की रिबन उनके हाथों कटवा ली गई। महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति भी थी। दोनों आयोजन में मुख्यमंत्री शामिल तो हुए, लेकिन उनके चेहरे पर वो रौनक नहीं थी जो अक्सर उनके सपनों के शहर में दिखती है। एक दिन पहले ही वे लू का शिकार हो गए थे, इसलिए थोड़े बीमार-से थे। राजनीतिक लोगों को बात बनाने का मौका मिल गया और कहने लगे कि ये सब दिल्ली का असर है, नहीं तो आज तक सीएम साब को इस तरह से देखा नहीं।


कांग्रेसी नेता को चढ़ा गार्ड रखने का बुखार
श्रमिक क्षेत्र के एक कांग्रेस नेता को इन दिनों मीडिया का बुखार चढ़ा हुआ है। नेताजी के चमचों ने उनके नाम से अखबार चालू करवा दिया है और एक चैनल भी यू ट्यूब पर चल रहा है। अपने काम की कुछ खास खबरें ही वे छापते हैं और दिखाते हैं। नेताजी वैसे पार्षदी का ख्वाब रखते हैं, लेकिन क्षेत्र से मोहन सेंगर के भाजपा में जाने के बाद उन्हें विधायकी के सपने आने लगे हैं। पिछले दिनों एक गनमैन के साथ उन्होंने अपना फोटो सोशल मीडिया पर वाइरल कर दिया और बताया कि अब वे बड़े नेता हो गए हैं।


भाजपा की अंदरूनी राजनीति की इनको है खबर
भाजपा संगठन के अंदर जब भी कोई राजनीतिक घटनाक्रम होता है, उस पर सबसे पहले कांग्रेस के प्रवक्ता की टिप्पणी आ जाती है। ट्वीट करने में माहिर नेताजी ने पिछले दिनों दिल्ली में हुई भाजपा की बैठकों को लेकर ऐसे ट्वीट किए कि वे मानो वे स्वयं ही अंदर बैठक में बैठे हुए थे। मीडिया वालों तक जो बातें नहीं पहुंची थी वो सरदारजी ने पहुंचाई। उन्होंने यह तक बता दिया कि आने वाले समय में प्रदेश में व्यापक फेरबदल होने वाला है, जिसके शिकार कई बड़े मंत्री हो सकते हैं। भाजपाई भी आश्चर्यचकित थे कि बड़े नेता जो बात उन्हें नहीं बता रहे हैं, वह विपक्ष को मालूम है। इसके पहले भी वे त्वरित टिप्पणी के माध्यम से भाजपा को घेरते आए हैं, लेकिन कई मामलों में वे अतिशयोक्ति कर जाते हैं और उनकी टिप्पणी का मतलब ही कुछ और निकल जाता है।


विजयवर्गीय ने खोली मुफ्त बिजली की पोल
बैठक में भाग लेने दिल्ली पहुंचे कैलाश विजयवर्गीय का ट्वीट खूब चटकारे लेकर पढ़ा गया। उन्होंने दिल्ली पहुंचते से ही बताया कि वे होटल के कमरे में हैं और यहां लाइट गुल है। मच्छर काट रहे हैं और वे उन्हें मार रहे हैं। सुबह बताएंगे कि कितना स्कोर हुआ। विजयवर्गीय ने मजाक में अरविन्द केजरीवाल सरकार पर ऐसा तंज कसा कि उनका ट्वीट ऐसा चला कि उसे हजारों लोगों ने लाइक किया, 3 हजार से ज्यादा लोगों ने उस पर कमेन्ट्स किए और इतने ही लोगों ने उसे रिट्वीट कर केजरीवाल सरकार की मुफ्त बिजली की पोल खोल दी।


लालवानी का बड़े गांव से प्रेम का राज
लोकसभा चुनाव से ही सांसद शंकर लालवानी का देपालपुर प्रेम जगजाहिर है। जब भी मौका मिलता है वे बड़े गांव का दौरा कर आते हैं। वैसे उनकी लोकसभा में चार-चार विधानसभा ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रेम उन्हें बड़े गांव से ही है। इसका कारण जानने की कोशिश वहां के भाजपाई कर चुके हैं, लेकिन वे खाली हाथ रहे। लालवानी न तो वहां जाकर चुनाव लड़ेंगे और न ही किसी समर्थक को लड़ाने की इच्छा रखते हैं, फिर बड़े गांव से ऐसा क्या प्रेम है जो लालवानी को वहां खींच ले जाता है। आप भी जानने की कोशिश करिये, हमें मालूम पड़ेगा तो हम बताएंगे ही।


सफाई देते फिर रहे हैं कांग्रेसी नेता
कांग्रेस की प्रदेश की राजनीति में इंदौर का जाना-पहचाना चेहरा है चन्द्रप्रभाष शेखर। शेखर साब कमलनाथ के नजदीकियों में माने जाते हैं और प्रदेश के प्रभारी भी हैं। पिछले दिनों उनके यहां एक मांगलिक प्रसंग को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ खबरें उड़ीं थीं। बिना हाथ-पैर की इन खबरों में तीन नंबर से एक कांग्रेस नेता का नाम भी सामने आ रहा है जो उनके पड़ोसी है। इन नेताजी की इच्छा 3 नंबर के किसी वार्ड से चुनाव लडऩे की थी, लेकिन अब सिर पर बड़ा हाथ होने के बाद वे 3 नंबर विधानसभा की दावेदारी करने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। वैसे नेताजी ने कहा है कि जो सोशल मीडिया में चलाया जा रहा है ऐसा कुछ है नहीं।

कांग्रेस की कार्यकारिणी घाोषित होना है और उसकी तैयारी चल रही है, लेकिन कांग्रेस में फिलहाल कार्यकारी अध्यक्ष के लिए घमासान मचा हुआ है। ऊपरी तौर पर तो कोई कुछ नहीं कह रहा है, लेकिन मन ही मन कार्यकारी अध्यक्ष को लेकर दौड़ शुरू हो गई है। -संजीव मालवीय

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